अपर कलेक्टर विश्वकर्मा ने विपणन संघ समनापुर के गौदाम का किया निरीक्षण
डिंडौरी
अपर कलेक्टर अरूण कुमार विश्वकर्मा ने विपणन संघ समनापुर के गोदाम का निरीक्षण किया। उन्होंने गोदाम में उर्वरक की उपलब्धता के बारे में जानकारी ली। अपर कलेक्टर विश्वकर्मा ने उर्वरक वितरण में लापरवाही किये जाने पर सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। बताया गया कि जिले के आदिम जाति सेवा सहकारी समिति धावाडोंगरी में 1000 मी. टन क्षमता के गोदाम शीघ्र ही शुरू किया जायेगा जिससे गाड़ासरई, गोरखपुर, करंजिया के किसानों को खाद उपलब्ध कराई जायेगी। निरीक्षण के दौरान उप संचालक कृषि श्री अश्विनी झारिया सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
जिले में उर्वरक का पर्याप्त भण्डारण
डिंडौरी जिले में रबी मौसम की बोवाई कार्य प्रारम्भ है, इस वर्ष रबी हेतु जिले में 1,42,800 हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया है। विगत सप्ताह तक जिले में 20,950 हेक्टेयर में बौनी कार्य किया गया है। रबी मौसम में किसान भाईयो को लगने वाली उर्वरक खाद को देखते हुये जिले में पर्याप्त मात्रा में उर्वरकों की भण्डारण की गई है। वर्तमान में जिले के दो विपणन संघ गोदाम एवं 44 सहकारी समितियों सहित यूरिया – 1913.685 मी. टन, डीएपी-1068.95 मी. टन, एसएसपी-36.10 मी. टन.. पोटाश – 31.00 मी. टन एवं काम्पलेक्स 178.30 मी. टन उपलब्ध है। जिले में किसनो को आसानी से उर्वरक उपलब्ध हो सके एवं किसी भी प्रकार की कालाबाजारी न हो। कलेक्टर डिंडौरी के निर्देशन में कृषि, राजस्व एवं सहकारिता विभाग के अधिकारी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है जो जिले के समस्त विक्रय केन्द्रों का निरीक्षण कर उर्वरक वितरण कार्य किया जा रहा है।
कृषि उपसंचालक अश्विनी झारिया ने यूरिया 26650 रू. डीएपी 1350 रू., एनपीके 12ः32ः16 का 1470.00 रू. पोटाश 1700.00 रू. एसएसपी-425.00 रु. प्रति बैग के हिसाब से खरीदने की अपील की है। उन्होंने कहा कि किसी भी विक्रेता द्वारा निर्धारित दर से अधिक में विक्रय करने पर विकासखण्ड स्तर पर संबंधित वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, जिला स्तर पर अनुविभगीय कृषि अधिकारी या उप संचालक कृषि या अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को शिकायत दर्ज कराएं। किसानों की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुये डबल लॉक केन्द्रों पर नगद विक्रय किया जा रहा है। साथ ही निजी विक्रेताओं द्वारा भी डबल लॉक सेन्टर पर बैठकर किसानों को यूरिया वितरण हेतु पर्ची जारी की जा रही है, गोदाम एवं समितियों के माध्यम से उर्वरकों का वितरण किया जा रहा है।