प्रदेश की सड़कों पर फिर लौट रहा VIP कल्चर… हूटर लगाकर दौड़ रहीं गाड़ियां
भोपाल
केंद्र सरकार के निर्देश के बाद वीआईपी वाहनों पर से लाल बत्ती तो हटा ली गई, लेकिन कई रसूखदार अपने वाहनों में हूटर लगाकर अपने आप को वीआईपी दिखाने से बाज नहीं आ रहे हैं। कई नेता ही वीआईपी कल्चर को लौटा रहे है, वे गाड़ियों में हूटर लगाकर अपना रौब शहर में छाड़ते दिखाई दे रहे है और जिला प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है।
सत्ताधारी पार्टी के नेता ही उड़ा रहे नियमों की धज्जियां
सुप्रीम कोर्ट ने लाल बत्तियों को हटाने को लेकर दिसंबर 2013 में एक आदेश जारी किया था, जिसके बाद हूटरों के लिए भी नियम लागू हुआ था।गाड़ी में हूटर लगाने को लेकर कड़े नियम है। 108 एंबुलेंस, डायल 100, दमकल एंव कुछ न्यायधीशों के अलावा कुछ विशेष व्यक्तियों को ही हूटर लगाने की अनुमति है।
पार्षद से लेकर अध्यक्ष, कई पदाधिकारी भी ले रहे VIP होने का अनुभव
छतरपुर जिले में पार्षद से लेकर नगर पालिका अध्यक्ष एवं कई जिला पदाधिकारी गाड़ियों में हूटर लगाते हुए रौब झाड़ रहे हैं और जिला प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। कई पदाधिकारियों की हूटर लगी हुई है। ये आम जनता पर रौब झाड़ते हुए नजर आते हैं और जिला प्रशासन देखता रहता है।
कांग्रेस विधायक बोले- सत्ता पक्ष के दबाव में है पुलिस-प्रशासन
कांग्रेस के सदर विधायक आलोक चतुर्वेदी का कहना है कि एक समय था जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीआईपी कल्चर को खत्म करने की बात कही थी, लेकिन छतरपुर जिले में सत्ताधारी पार्टी का हर दूसरा नेता हूटर लगाकर रौब झड़ता हुआ दिखाई देता है। जिला प्रशासन सत्ता पक्ष के दबाव में इस कदर है कि कार्रवाई तो दूर की बात है सामने से गुजर रही गाड़ियों को देखकर नजरअंदाज कर देता है। विधायक आलोक चतुर्वेदी का कहना है कि मैं इस तरह की व्यवस्था का घोर विरोधी हूं, किसी भी व्यक्ति को जनता के सामने अपने आप को वीआईपी दिखाने का हक नहीं है।