2023 में शुरू होगा अयोध्या में मस्जिद का निर्माण
अयोध्या
अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण शुरू हो गया। 50 फीसदी काम भी पूरा हो गया, लेकिन मस्जिद-ए-अयोध्या का निर्माण अभी तक नहीं शुरू हुआ। अब इंतजार खत्म होने वाला है। नए साल से मस्जिद का निर्माण शुरू हो जाएगा। इंडो इस्लामिक कल्चरल ट्रस्ट ने मस्जिद की डिजाइन नहीं पास किया था। निमार्ण कार्य शुरू नहीं होने का सबसे बड़ा कारण था।
वह अब दूर हो जाएगा। अगले हफ्ते अयोध्या विकास प्राधिकरण बोर्ड की बैठक होगी। जिसमें मस्जिद के लिए दी गई भूमि का लैंड यूज चेंज करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेज दिया जाएगा।
इंडो इस्लामिक कल्चरल ट्रस्ट के सदस्य अरशद अफजाल ने बताया, "सभी पेपर जमा हो गए हैं। उम्मीद है कि दिसंबर 2022 तक मस्जिद की डिजाइन को अनुमति मिल जाएगी। इसके बाद जनवरी 2023 से मस्जिद का निर्माण शुरू हो जाएगा।"
अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने बताया, "सभी कानूनी औपचारिकताएं जल्द ही पूरी कर ली जाएंगी। मस्जिद के मानचित्र को अनुमति दी दी जाएगी। इसके लिए बोर्ड की बैठक बुलाई जाएगी।
एनओसी की वजह से मानचित्र को नहीं मिली थी अनुमति
शासन ने मस्जिद के लिए 5 एकड़ भूमि अयोध्या के धन्नीपुर गांव में दी थी। इसके बाद मई 2021 में इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ने मस्जिद के मानचित्र की अनुमति के लिए अप्लाई कर दिया था। एनओसी नहीं मिलने की वजह से अब तक इसको मंजूरी नहीं मिली। जुलाई 2022 में फाउंडेशन के चेयरमैन जफर फारुकी, सचिव अतहर हुसैन, स्थानीय ट्रस्टी अरशद अफजाल ने अयोध्या विकास प्राधिकरण के साथ बैठक की। इसके बाद विचार-विमर्श हुआ। इसके बाद अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, अग्निशमन, सिंचाई विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जिला प्रशासन और नगर निगम को एनओसी दिए जाने को लेकर पत्र भी भेजा था।
मानचित्र पास नहीं होने के दो बड़े कारण थे
मानचित्र पास नहीं होने दो प्रमुख कारण थे। पहला लो सबसे बड़ा कारण था वह जमीन का लैंड यूज न बदलना। क्योंकि जो जमीन मस्जिद के लिए दी गई थी वह खेती करने योग्य थी। इसलिए मस्जिद निर्माण के पहले उसका लैंड यूज चेंज होना जरूरी है।