केरल उच्च न्यायालय का त्रावणकोर व कोचीन देवस्वोम बोर्ड को निर्देश, सबरीमाला तीर्थयात्रियों को उपलब्ध कराएं उचित सुविधा
कोच्चि
केरल उच्च न्यायालय ने त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड और कोचीन देवस्वोम बोर्ड को निर्देश दिया है कि वे सुनिश्चित करें कि सबरीमाला तीर्थयात्रियों को मंदिरों में उचित सुविधाएं प्रदान की जाए, जिन्हें एडाथावलम (ट्रांजिट कैंप) के रूप में पहचाना जाता है। उच्च न्यायालय ने मंडला-मकरविलक्कू त्योहार के मौसम के दौरान सबरीमाला दर्शन के लिए त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड द्वारा वर्चुअल-क्यू प्रणाली के कार्यान्वयन और प्रबंधन के संबंध में सबरीमाला के विशेष आयुक्त की रिपोर्ट के आधार पर एक स्वत: याचिका पर विचार करते हुए निर्देश जारी किया। नीलक्कल, पंबा, सन्निधानम में भीड़ प्रबंधन और तीर्थयात्रियों के लिए ट्रेकिंग पथ, परिवहन सुविधाएं आदि।
भक्तों को प्रदान की जाने वाली सुविधाओं की हो जांच
आदेश में कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया, 'मंदिर सलाहकार समितियां देवस्वम अधिकारियों को आवश्यक सहायता प्रदान करें। सहायक देवस्वम आयुक्त को एडाथावलम (पारगमन शिविर) में भक्तों को प्रदान की जाने वाली सुविधाओं की जांच करनी चाहिए। उप प्रशासक को भी सुविधाओं का आकलन करना चाहिए। त्रिशूर जिले के गुरुवयूर मंदिर में। यदि भक्तों को सुविधाएं प्रदान करने में कोई विफलता है, तो विशेष आयुक्त के माध्यम से मामले की सूचना अदालत को दी जानी चाहिए।'
त्रावणकोर और कोचीन देवस्वम बोर्ड के तहत 59 एडाथावलम
देवस्वम बोर्ड ने अदालत को सूचित किया, 'त्रावणकोर और कोचीन देवस्वम बोर्ड के तहत 59 एडाथावलम हैं। गुरुवयूर मंदिर में मंडला-मकरविलक्कु तीर्थयात्रा के संबंध में विशेष सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। और गुरुवायुर में बांधने की सुविधा होगी। और माला (कस्टम का हिस्सा)।' अदालत 15 नवंबर को इस मामले पर आगे विचार करेगी।