September 30, 2024

मिशन 2023: कोर कमेटी की बैठक में लिया निर्णय जिलों में बदला जाएगा प्रभार

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भोपाल
पिछले दिनों हुई कोर कमेटी की बैठक में मिले फीडबैक पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक्शन में आ गए हैं। जानकारी के मुताबिक जल्द ही ऐसे मंत्रियों के जिलों के प्रभार में बदलाव हो सकता है जिनके खिलाफ शिकायतें मिली हैं। दूसरी ओर कैबिनेट विस्तार की अटकलें लगाई जा रही हैं, लेकिन इसे लेकर पहले दिसंबर में होने वाली कोर कमेटी की बैठक में चर्चा की जाएगी।

शिवराज सरकार के मंत्रियों के प्रभार के जिले बदले जाएंगे। जिलों के प्रभार में बदलाव की यह कवायद इसी माह होना है जिसकी सहमति मुख्यमंत्री संगठन से ले चुके हैं और जल्द ही इसे अमलीजामा पहनाया जाएगा। इसमें सबसे अधिक सिंधिया समर्थक मंत्री प्रभावित होेंगे क्योंकि इन मंत्रियों के विरुद्ध संगठन और सरकार दोनों ही ही शिकायतें मिली हैं। इस कवायद के बीच मंत्रिमंडल विस्तार में पद पाने के लिए उम्मीद लगाए नेताओं को अभी इंतजार करना पड़ सकता है। हालांकि विस्तार होगा, यह भी तय बताया जा रहा है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और संगठन के नेताओं के बीच पिछले दिनों हुई कोर कमेटी की बैठकों और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री के साथ हुई बैठक में यह बात सामने आ चुकी है कि मंत्री प्रभार के जिलों में नहीं जा रहे हैं और इसको लेकर सबसे खराब परफार्मेंस आधा दर्जन से अधिक सिंधिया समर्थक मंत्रियों की है। ये मंत्री या तो जिलों में जाते ही नहीं हैं और जाते हैं तो कार्यकर्ताओं और संगठन के पदाधिकारियों से मिले बिना और जिलों के महत्वपूर्ण संगठनात्मक और कामकाजी मसलों पर निर्णय व चर्चा किए बगैर लौट आते हैं।

जिलों के प्रवास के दौरान इनकी मुलाकातों को लेकर भी शिकायतें संगठन तक पहुंची हैं। इन मंत्रियों के अलावा कई अन्य मंत्री भी हैं जो जिलों के प्रवास को लेकर गंभीर नहीं हैं। इसलिए अब यह तय है कि जल्द ही जिलों का प्रभार बदलने का काम किया जाएगा। कई मंत्रियों के विरुद्ध विभागीय कामकाज और मंत्री स्टाफ को लेकर भी शिकायतें सीएम चौहान और संगठन तक पहुंची हैं।

जनसेवा अभियान ने भी खोली पोल
मंत्रियों के प्रभार के जिलों में न जाने की शिकायतों को तब और बल मिल गया जब जनसेवा अभियान के दौरान मुख्यमंत्री को प्रभारी मंत्रियों पर भरोसा करने की बजाय मंत्रियों के समूह गठित करना पड़े। यह मंत्री समूह भी गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा समेत कुछ मंत्रियों को छोड़कर शुुरुआती एक माह में जिलों में नहीं गया जबकि सीएम खुद जिलों और गांवों में जाते रहे।  मुख्यमंत्री चौहान को कई बार कैबिनेट की बैठक के दौरान भी मंत्रियों को यह निर्देश देना पड़ा है कि जिलों में जाएं और वहां जनता से संवाद करें। मुख्यमंत्री कई बार यह तक कह चुके हैं कि मंत्री गांवों में जाकर ग्रामीणों से बातचीत करें। जनसेवा अभियान के दौरान मंत्रियों को साफ तौर पर गांव जाने और शिविर में शामिल होने के लिए कहा गया था।

कैबिनेट विस्तार दिसंबर की कोर कमेटी बैठक के बाद!
इधर मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर पिछले दो माह से चल रही अटकलों को भी कोर कमेटी की बैठक के बाद बल मिला है। हालांकि यह विस्तार कब होगा, अभी यह तय नहीं है। इस बदलाव के पहले दिसम्बर में होने वाली कोर कमेटी की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल विस्तार में सिंधिया समर्थक कुछ मंत्रियों को बदला जाना भी तय है। साथ ही कमजोर परफार्मेंस वाले मंत्रियों की भी सरकार से छुट्टी होगी। इस विस्तार में मंत्रियों को हटाने और रिक्त चार पदों को भरने पर दर्जन भर विधायकों को मंत्री पद मिलने की संभावना है। बताया जाता है कि इस चुनाव में क्षेत्रीय और जातीय असंतुलन को साधते हुए मंत्रिमंडल के सदस्य तय किए जाएंगे। जिन मंत्रियों को लेकर बदलाव की अटकलें हैं, उनमें बुंदेलखंड से दो, मालवा निमाड़, विन्ध्य, मध्यभारत और ग्वालियर रीजन से एक-एक मंत्री का नाम चर्चा में है। उधर नए दावेदारों में पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला, संजय पाठक, महेंद्र हार्डिया, सुलोचना रावत, हरिशंकर खटीक, जजपाल सिंह जज्जी, विष्णु खत्री, शरदेंदु तिवारी, रामेश्वर शर्मा, मनोज चौधरी, चेतन्य कश्यप के नाम को लेकर सोशल मीडिया में अटकलें चल रही हैं।

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