आरोपीगण को 05 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 2000 रूपये के अर्थदण्ड
छतरपुर
16 वर्ष से कम उम्र की अवयस्क बालिका को बहला फुसलाकर शादी के लिये भगाने के मामले में विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट/चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश छतरपुर द्वारा मामले के आरोपीगण को 05 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 2000 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है।
अभियोजन कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार दिनांक 27.05.19 को अभियोक्त्री के पिता ने थाना मातगुवां आकर अपनी अवयस्क पुत्री के गुम होने के संबंध रिपोर्ट लेखबद्ध कराई थी तथा उक्त दिनांक को ही प्रथम सूचना रिपोर्ट इस आशय की लेखबद्ध कराई कि 26.05.19 को सुबह मैं और मेरी पत्नि मजदूरी करने गये थे, घर पर उसकी इकलौती पुत्री अकेली थी शायं को घर वापस आने पर अभियोक्त्री घर पर नही थी, तलाश करते रहे कोई पता नही चला, उसके पडोस का आरोपी उसी दिन से घर पर नही है, उसे आशंका है कि वह उसकी पुत्री को बहला फुसला कर ले गया है।
उक्त रिपोर्ट पर थाने में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना की गई, सम्पूर्ण विवेचना उपरांत आरोपीगण के विरूद्ध अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया। अभियोजन की ओर से डीपीओ प्रवेश अहिरवार एवं एडीपीओ अमित मणि त्रिपाठी ने पैरवी करते हुये मामले के सभी सबूत एवं गबाह कोर्ट में पेश किये, विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट/चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश छतरपुर द्वारा मामले के तीनो आरोपीगण को 363 भा.दं.वि. के आरोप में 03 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000 रूपये अर्थदण्ड तथा भा.दं.वि. की धारा 366क में 05 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 2000 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है