टायलेट रेनोवेट कर बनाया क्लीनिक ,लेकिन समय पर डॉक्टर्स नहीं पहुंचते
भोपाल
शहर में एक अस्पताल ऐसा भी है जो सुलभ शौचालय कॉम्प्लेक्स में चल रहा है। रोशनपुरा झुग्गी बस्ती के बीच इस अस्पताल में मरीजों को पेपरलेस ओपीडी पर्चे से लेकर डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन तक मोबाइल पर मिलती है। तत्काल इलाज के लिए टायलेट रेनोवेट कर क्लीनिक बनाया गया था लेकिन आज भी यहां समय पर डॉक्टर्स नहीं पहुंचते।
कई संजीवनी क्लीनिक के ऐसे ही हाल
संजीवनी क्लीनिक पर चिकित्सा अधिकारी समय पर नहीं पहुंच रहे हैं। डाक्टर 14 मिनट से लेकर 3 घंटे की देरी से क्लीनिक को खोल रहे हैं। इस कारण को मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है और कई बार मरीजों को बिना इलाज के ही लौटना पड़ जाता है। ऐसे में भोपाल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने शहर के 12 संजीवनी क्लीनिक के चिकित्सा अधिकारियों को नोटिस जारी कर समय पर क्लीनिक पहुंचने के निर्देश दिए हैं। नोटिस में समय पर क्लीनिक न पहुंचने वाले डाक्टरों का वेतन काटने की बात भी कही गई है। गौरतलब है कि राजधानी में संचालित विभिन्न संजीवनी क्लीनिक सुबह नौ से शाम पांच बजे तक मरीजों के लिए खुले रहते हैं।
9 शहरों में शुरू किए जा रहे संजीवनी क्लीनिक
दरअसल शहरी क्षेत्रों की बस्तियों के लोगों को उनके घर के पास ही स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए राजधानी समेत प्रदेश के 9 शहरों में शुरू किए जा रहे संजीवनी क्लीनिक स्टाफ और भवन न मिलने के कारण शुरू नहीं हो पा रहे हैं।
डेढ़ से 2 हजार आ रहे मरीज
शुरूआती दौर में तो मरीज आने में हिचकते थे, लेकिन अब यहां हर महीने डेढ़ से दो हजार मरीज पहुंच रहे हैं। इस क्लीनिक के लिए शुरूआती दौर में बिल्डिंग नहीं मिल पा रही थी। स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने बंद पडे़ सुलभ शौचालय कॉम्प्लेक्स को रेनोवेट कर यहां क्लीनिक शुरू कराया। मरीजों की बढ़ती संख्या और बेहतर रिस्पॉन्स के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अफसर इस अस्पताल की तारीफ कर चुके हैं।