November 27, 2024

“पेसा” एक्ट से जनजाति क्षेत्रों में ग्राम सभा अधिकार सम्पन्न होगी

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  • जल, जंगल, जमीन पर जनजातीय वर्ग को मिलेगा अधिकार : मुख्यमंत्री चौहान
  • मुख्यमंत्री ने पेसा एक्ट से मिले अधिकारों के प्रति जनजातीय समुदाय को किया जागरूक
  • प्रदेश की धरती पर छल और कपट से धर्मांतरण किसी कीमत पर नहीं होने देंगे
  • सुखतवा कॉलेज का नामकरण भगवान बिरसा मुंडा के नाम से करने की घोषणा मुख्यमंत्री का जनजातीय समुदाय ने माना आभार
  • नर्मदापुरम के केसला में "पेसा जागरूकता सम्मेलन"

भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जल, जंगल, जमीन पर जनजातीय वर्ग का अधिकार है। राज्य सरकार उनके हक को दिला रही है। प्रदेश में जनजातीय वर्ग को सशक्त और अधिकार सम्पन्न बनाने के लिये पेसा एक्ट लागू किया गया है, जिससे उनके जीवन में खुशहाली आएगी। गाँव का पैसा गाँव के विकास में ही उपयोग होगा। छल और कपट से प्रदेश की धरती पर धर्मांतरण नहीं होने देंगे। मुख्यमंत्री चौहान गुरूवार को नर्मदापुरम जिले के जनजातीय ब्लॉक केसला में पेसा जागरूकता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने पेसा एक्ट से मिले अधिकारों के प्रति जनजातीय समुदाय को जागरूक किया।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि पेसा एक्ट से जनजातीय वर्ग को मजबूती मिलेगी। नये नियमों के अनुसार अब पटवारी और बीट गार्ड को गाँव की जमीन का नक्शा, खसरा, बी वन नकल, गाँव में ही लाकर ग्राम सभा में दिखाने होंगे, जिससे जमीन के रिकॉर्ड में कोई गड़बड़ी न कर सके। यदि कोई गड़बड़ी करता है तो ग्राम सभा को उसे ठीक करने का अधिकार रहेगा। किसी प्रोजेक्ट के लिये जमीन लेने के लिये ग्राम सभा की सहमति जरूरी होगी। छल, कपट और बलपूर्वक अब कोई जमीन नहीं हड़प सकेगा। यदि कोई ऐसा करता है तो ग्राम सभा को हस्तक्षेप कर उसे वापस करवाने का अधिकार होगा। छल और कपट से प्रदेश की धरती पर धर्मांतरण किसी कीमत पर नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि खनिज के मामले जिनमें रेत खदान, गिट्टी-पत्थर के ठेके देना है या नहीं इसका निर्णय भी ग्राम सभा में ही लिया जाएगा।

तालाबों का प्रबंधन ग्राम सभा करेगी

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि ग्राम सभा अमृत सरोवर, तालाबों का प्रबंधन करेगी। तालाबों में सिंघाड़ा उगाने और मछली पालन एवं मत्स्याखेट की सहमति ग्राम सभा देगी। सौ एकड़ सिंचाई तालाबों का प्रबंधन, वनोपज का संग्रहण एवं न्यूनतम मूल्य निर्धारण भी ग्राम सभा में हो सकेगा। जनजातीय वर्ग के लोगों के द्वारा वनोपज संग्रहण करने के साथ उसे बेचने का भी हक होगा। तेंदूपत्ता की तुड़ाई और ब्रिकी का कार्य भी जनजातीय वर्ग करेंगे। वनोपज की दर ग्राम सभा तय करेंगी। यह सब प्रस्ताव एक माह के अंदर ही तय हो जाएंगे। ग्राम सभा तेंदूपत्ता संग्रहण एवं विक्रय का प्रस्ताव 15 दिसंबर तक पारित करे। गाँव का पैसा गाँव के विकास में ही उपयोग होगा।

मुख्यमंत्री चौहान ने जिला प्रशासन एवं वन विभाग को पेसा एक्ट के संबंध में प्रशिक्षण करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं मनरेगा के माध्यम से कब और कौन सा कार्य कराया जाना है, इसकी कार्य-योजना का प्रस्ताव ग्राम सभा ही बनाएगी। मस्टर रोल भी ग्राम सभा देखेगी। यदि ग्राम से मजदूरों को बाहर ले जाना हो तो पहले ग्राम सभा को जानकारी देनी होगी। गाँव में बाहर से आने वाले व्यक्ति की जानकारी भी ग्राम सभा को देनी होगी।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों के उत्थान के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। जनजाति क्षेत्रों में केवल लायसेंसधारी साहूकार ही निर्धारित ब्याज दर पर पैसा उधार दे सकेंगे। इसकी जानकारी भी ग्राम सभा को देना होगी। साहूकार द्वारा अधिक ब्याज नहीं लिया जा सकेगा। अधिक ब्याज लेने पर संबंधित पर कार्यवाही होगी। शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं के हित लाभ के लिए भी ग्राम सभा को अधिकार रहेगा। किस वास्तविक हकदार को हक मिलना चाहिए यह ग्राम सभा ही तय करेगी। उन्होंने कहा कि बिना ग्राम सभा की अनुमति के कोई नई शराब की दुकान नहीं खुलेगी। किसी शराब दुकान को हटाने की अनुशंसा ग्राम सभा कर सकेगी। छोटे झगड़े सुलझाने का अधिकार भी ग्राम सभा के पास रहेगा। किसी थाना क्षेत्र में एफआईआर दर्ज होने पर इसकी सूचना ग्राम सभा को देना होगी। स्कूल, स्वास्थ्य केन्द्र, आँगनवाड़ी केन्द्र, आश्रम, छात्रावास आदि के व्यवस्थित संचालन के लिए मॉनिटरिंग का अधिकार भी ग्राम सभा को होगा। मेला एवं बाजार का प्रबंधन भी ग्राम सभा करेगी। नये नियमों को प्रभावी ठंग से लागू किये जाने के लिये पेसा कोऑर्डिनेटर बनाये जायेंगे।

प्रेम, शांति और सद्भाव के साथ अधिकार लागू करने का दिलाया संकल्प

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश निरंतर विकास के पथ पर आगे बड़ रहा हैं। उन्होंने प्रेम, शांति और सद्भाव के साथ पेसा एक्ट के अधिकार लागू करने के लिए जन-समूह को संकल्प दिलाया। उन्होंने कहा कि स्व-सहायता समूह की बहनों के सशक्तिकरण के लिए भी राज्य सरकार कृत संकल्पित है। इस वर्ष भी लगभग 3 हजार करोड़ रुपए स्व-सहायता समहों के खातों में डाले जाएंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने सुखतवा कॉलेज का नामकरण भगवान बिरसा मुंडा के नाम से करने की घोषणा भी की।

जनजातीय समुदाय ने दिया धन्यवाद

कार्यक्रम का शुभारंभ कन्या-पूजन एवं माँ सरस्वती के पूजन से किया गया। मुख्यमंत्री चौहान ने भगवान बिरसा मुंडा, वीर रघुनाथ शाह, शंकर शाह, टंट्या मामा एवं रानी दुर्गावती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर जनजातीय नायकों को नमन किया। जनजातीय समाज के सशक्तिकरण के लिए पेसा एक्ट लागू करने के लिए जनजाति समुदाय ने धन्यवाद-पत्र देकर मुख्यमंत्री चौहान का आभार माना। मुख्यमंत्री चौहान ने जनजाति नायकों के जयघोष और "जय सेवा" "जय जोहार" से संबोधन की शुरुआत की।

आपकी सरकार, आपका कानून, आपका अधिकार

सांसद राव उदय प्रताप सिंह ने कहा कि आजादी के 70 वर्षों के इतिहास में सही मायनों में अब जनजाति वर्ग के जीवन को नई दिशा मिली हैं। अब जनजाति वर्ग की ताकत उनके हाथों में होंगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जनजाति वर्ग के सशक्तिकरण एवं उनके उत्थान के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। पेसा एक्ट लागू कर उन्होंने जनजाति वर्ग को जल, जंगल एवं जमीन पर अधिकार दिला कर मुख्यमंत्री चौहान सामाजिक क्रांति लाये हैं। सांसद सिंह ने क्षेत्र की जनता की तरफ से मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया।

सिवनी मालवा विधायक प्रेम शंकर वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में प्रदेश के कृषि उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। हमारा प्रदेश 7 बार कृषि कर्मण अवार्ड जीत चुका है। मुख्यमंत्री चौहान प्रदेश को स्वर्णिम मध्यप्रदेश बनाने के लिए कृत-संकल्पित होकर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने सिवनी मालवा क्षेत्र में पिछले दिनों विकास कार्य स्वीकृत करने पर मुख्यमंत्री चौहान का आभार माना।

जनजातीय लोकनृत्य की मनमोहक प्रस्तुति

कार्यक्रम में एकलव्य आवासीय विद्यालय केसला, कन्या आवासीय परिसर सुखतवा, चुरना आवासीय विद्यालय, एमजीएम इटारसी एसटी छात्रावास के छात्र-छात्राओं ने जनजातीय संस्कृति पर केन्द्रित लोक नृत्य एवं गीतों की प्रस्तुति दी। गोंडी और कोरकू वेशभूषा में सजे बालक-बालिकाएँ प्रदेश की जनजातीय संस्कृति की परंपराओं को साकार करते दिखाई दिए। संचालन प्राचार्य राजेश जायसवाल ने किया।

खनिज साधन एवं जिले के प्रभारी मंत्री ब्रजेंद्र प्रताप सिंह, नर्मदापुरम विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा सहित विधायक और बड़ी संख्या में जनजाति वर्ग के नागरिक शामिल रहे।

 

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