सावरकर पर उद्धव ठाकरे ने तब ही खींच दी थी लंबी लकीर, 10 जनपथ पर दे दी थी चेतावनी
नई दिल्ली
कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा वीडी सावरकर की आलोचना पर शिव सेना नेता उद्धव ठाकरे की त्वरित प्रतिक्रिया और कांग्रेस नेता के बयान पर सार्वजनिक खंडन आश्चर्यजनक रूप में नहीं आया है। 2020 के शुरुआत में ही तत्कालीन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी से उनके 10, जनपथ आवास पर मुलाकात के दौरान सावरकर पर दोनों दलों के रिश्तों के लिए एक लकीर खींच दी थी।
शिव सेना नेता ने तब मामले की संवेदनशीलता की ओर स्पष्ट रूप से इशारा करते हुए गांधी परिवार को चेतावनी दी थी कि अगर राहुल गांधी हिंदुत्व आइकन की आलोचना पर अड़े रहे, जिसे शिवसेना सम्मान देती है, तो इस मामले पर शिवसेना का नेतृत्व राहुल गांधी का मुकाबला करने के लिए गठबंधन करने या कोई गठबंधन नहीं करने के लिए स्वतंत्र होगा और सार्वजनिक तौर पर आमजन के बीच जाने को विवश होगा।
राहुल गांधी ने एक लंबी खामोशी के बाद, गुरुवार को सावरकर की आलोचना फिर से शुरू की। इधर, शिवसेना के कुछ अंदरूनी सूत्रों ने ईटी को बताया कि उद्धव ठाकरे ने वही बात सार्वजनिक तौर पर कही है जो बात उन्होंने गांधी परिवार के सामने कही थी। तब सोनिया गांधी और उद्धव ठाकरे की बैठक के दौरान मौजूद अन्य लोगों में महाराष्ट्र के तत्कालीन एआईसीसी महासचिव (और अब पार्टी प्रमुख) मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रियंका गांधी वाड्रा और शिव सेना नेता आदित्य ठाकरे और संजय राउत शामिल थे।
इस मामले की जानकारी रखने वाले शिव सेना के नेताओं ने कहा कि राहुल उस बैठक में मौजूद नहीं थे, क्योंकि उनका कहीं और कार्यक्रम पहले से तय था। उनकी माँ ने सावरकर पर अपनी बात राहुल तक पहुंचाने के लिए शिवसेना नेताओं से वादा किया था। शिव सेना नेताओं ने देखा कि राहुल ने गुरुवार को सावरकर पर टिप्पणी करने तक अपनी सामान्य आलोचना को टाल रखा था।
जब महाराष्ट्र विकास अघाड़ी गठबंधन बना था, तब पहली बार गांधी और ठाकरे परिवार के बीच मीटिंग हुई थी। उस सुखद बैठक में दोनों पक्षों ने न सिर्फ एक-दूसरे का अभिवादन किया था बल्कि बीजेपी से मुकाबला करने के लिए गठबंधन को मजबूत करने की दिशा में साझा राजनीतिक जरूरतों पर भी चर्चा की थी। तब ठाकरे ने गांधी परिवार के सामने इस बात पर जोर दिया था कि साझा गठबंधन राजनीतिक और प्रशासनिक प्राथमिकताओं को मजबूत करने और प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ मजबूती से एकजुट होने के लिए राजनीतिक खामियों को दूर करना बेहतर होगा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी 'भारत जोड़ो पदयात्रा' के दौरान मंगलवार को वाशिम जिले में आयोजित एक रैली में हिंदुत्व विचारक सावरकर पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था, ''सावरकर भाजपा-आरएसएस के प्रतीक हैं। वह दो-तीन साल तक अंडमान में जेल में रहे। उन्होंने दया याचिकाएं लिखनी शुरू कर दीं।''
इस पर उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को कहा, शिवसेना (जिस धड़े का वह नेतृत्व करते हैं) के मन में वीडी सावरकर के लिए बेतहाशा सम्मान है। कांग्रेस और एनसीपी से गठबंधन करने के लिए अपने पिता बालासाहेब ठाकरे के हिन्दुत्ववादी विचारधारा को धोखा देने और उससे समझौता करने के आरोपों पर उद्धव ठाकरे ने कहा, "राहुल गांधी जी ने जो कहा, हम उससे सहमत नहीं हैं… हम वीर सावरकर का सम्मान करते हैं… लेकिन साथ ही जब हम पर सवाल उठाए जा रहे हैं, तो बीजेपी को यह भी बताना चाहिए, वे जम्मू एवं कश्मीर में PDP के साथ मिलकर सत्ता में क्यों थे…?"