नए साल की कार्ययोजना बनाने मंत्री करेंगे अफसरों संग मंथन
25-26 नवंबर को प्रशासन अकादमी में होगा आयोजन
भोपाल
चुनावी साल में विकास का नया रोडमैप करने सरकार एक बार फिर अधिकारियों संग मंथन करेगी। यह कार्यक्रम आगामी 25-26 नवंबर को नरोन्हा प्रशासन अकादमी में संपन्न होगा। इसमें राज्य के सभी मंत्री अपने विभागों के अफसरों के संग बैठकर नई कार्ययोजना व अब तक हुए कामकाज को लेकर चर्चा करेंगे।
अधिकारिक सूत्रों के अनुसार,मंथन कार्यक्रम में अधोसंरचना विकास,चुनावी वर्ष के शुरुआती छह माह में नए विकास कार्यों को लेकर किए जाने वाले भूमिपूजन,शिलान्यास कार्यक्रम ,सरकार की अन्य हितग्राही मूलक योजनाओं एवं हाल ही में लागू पेसा एक्ट का प्रभावी क्रियान्वयन आदि विषय शामिल हैं।
इनके अलावा आगामी दिनों में होने वाले बड़े कार्यक्रम के आयोजन पर भी चर्चा होगी। दरअसल,राज्य सरकार की ओर से बीते माह प्रदेशभर में मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान चलाया गया। सरकार का दावा है कि इसके माध्यम से करीब 80 लाख हितग्राहियों का योजना से जोड़ा गया है। इन्हें संबंधित योजनाओं के स्वीकृति प्रमाण पत्र वितरित किए जाने हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान यह आयोजन शीघ्र किए जाने के संकेत पहले ही दे चुके हैं। सरकार की मंशा है कि मंत्रियों एवं निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में ये प्रमाण पत्र समारोहपूर्वक वितरित किए जाएं।
बनेगी 1 से 5 साल की कार्ययोजना
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का जोर प्रदेश में सुशासन को लेकर भी है। वह रामराज्य की संकल्पना को प्रदेश के धरातल पर उतारना चाहते हैं। यह बात वह पूर्व में कह भी चुके हैं। माना जा रहा है कि मंथन कार्यक्रम में सुशासन को लेकर भी मंथन किया जा सकता है। इस संबंध में आम जन से विचार आमंत्रित किए जाएंगे। मंथन के दौरान मंत्रियों और अधिकारियों के समूह बनाकर संबंधित विषय पर उनके सुझाव लिए जाएंगे। इनका प्रस्तुतिकरण मुख्यमंत्री के समक्ष होगा। इसके आधार पर एक, तीन और पांच साल की कार्ययोजना तैयार की जाएगी।
पचमढ़ी चिंतन शिविर के निर्णयों पर होगा मंथन
ज्ञात हो कि गत दिनों पचमढ़ी में हुए चिंतन शिविर में केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को नीचे जक तक पहुंचाने और पात्र व्यक्तियों को दिलाने के लिए विभागीय गतिविधियों को बढ़ाने का निर्णय लिया गया था। इसके अनुसार मुख्यमंत्री और विभागीय अधिकारियों ने योजनाओं की समीक्षा करके यह सुनिश्चित किया कि पात्र व्यक्तियों को लाभ मिल जाए और क्रियान्वयन के स्तर पर जो भी कमियां हैं, उन्हें दूर कर लिया जाए।