अमेरिका के सबसे बड़े दुश्मन के घर जाएंगे व्लादिमीर पुतिन, विध्वंसक ड्रोन का होगा सौदा!
मास्को
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladmir Putin Iran Visit) यूक्रेन में जंग शुरू होने के बाद पहली बार सोवियत संघ के सदस्य रहे देशों से बाहर ईरान की यात्रा पर जा रहे हैं। बता दें कि, रूसी राष्ट्रपति पुतिन की यह यात्रा ऐसे समय पर हो रही है जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन हाल ही में अपने पश्चिम एशिया के दौरे से लौट रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट बताती है कि, पुतिन ईरान दौरे के क्रम में घातक ड्रोन का सौदा कर सकते हैं, जिसका इस्तेमाल यूक्रेन की जंग में किया जा सकता है। पुतिन ईरान दौरे के क्रम में वहां देश के सर्वोच्च नेता अयातुल्ल अली खामेनेई (Ayatollah Ali Khamenei) से मुलाकात करेंगे।
पुतिन के ईरान दौरे से टेंशन में आया अमेरिका
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ईरान रूस को कई हजार ड्रोन बेचना चाहता है। हजारों विध्वंसक ड्रोन विमान कई हथियारों से लैस हैं, जिनका इस्तेमाल यूक्रेन की जंग में किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि रूसी सेनाओं की ईरानी ड्रोन की ट्रेनिंग इस महीने कभी भी शुरू हो सकती है।
ईरान से ड्रोन खरीदेगा रूस!
वहीं, अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि यूक्रेन में जंग की वजह से रूस के ड्रोन कम पड़ रहे हैं, यही वजह है कि उसे ईरान से मदद लेनी पड़ रही है। पुतिन के विदेशी नीति के सलाहकार यूरी उशाकोव ने कहा कि खमनेई के साथ पुतिन की यह मुलाकात बेहद अहम है।
ईरान और रूस से अमेरिका का तनाव
ईरान और रूस दोनों का ही इस समय पश्चिमी देशों खासकर अमेरिका के साथ काफी तनाव बढ़ा हुआ है। पुतिन की ईरान यात्रा से अमेरिका को कड़ा संदेश मिल रहा है। शायद वह अब टेंशन में आ चुका है।
अयातुल्ला अली खामेनेई से मुलाकात करेंगे पुतिन
बता दें कि, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ईरान दौरे के क्रम में वहां देश के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई से मुलाकात करेंगे। जानकारी के मुताबिक पुतिन अपने उन विदेशी गठबंधन को मजबूत करना चाहते हैं जिनके रूस के साथ अच्छे और घनिष्ठ संबंध रहे हैं। रूस ऐसे देशों का समय-समय पर काफी मदद करता आ रहा है और अब रूस चाहता है कि, वर्तमान परिस्थिति में ऐसे देशों के साथ संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ किया जाए।
रूस ने प्रतिबंधों को बताया आर्थिक जंग
जब से रूस ने यूक्रेन के खिलाफ जंग का ऐलान किया था, तब से लेकर अब तक अमेरिका, ब्रिटेन सहित अन्य पश्चिमी देशों ने मास्को के खिलाफ कई तरह के प्रतिबंध लगा चुका है। पुतिन ने रूस के खिलाफ लगाए गए इन प्रतिबंधों को आर्थिक जंग बताया है। इन परिस्थितियों में रूस अपने मित्र राष्ट्र भारत, चीन और तेहरान की तरफ अपनी नजरें बनाए हुए है। पुतिन चाहते हैं कि, वे इन देशों के साथ अंतरराष्ट्रीय कूटनीति पर अपना पूरा ध्यान केंद्रीत करें।
रूस से बाहर पुतिन की दूसरी यात्रा
24 फरवरी को यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पुतिन की रूस के बाहर यह दूसरी यात्रा है। पिछले महीने रूसी नेता ने अपने प्रभाव वाले पूर्व सोवियत देश ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान की यात्रा की थी। उनकी अंतिम बड़ी विदेशी यात्रा यूक्रेन युद्ध शुरू होने से ठीक पहले चीन में ओलंपिक के दौरान हुई थी।
अब क्या करेगा अमेरिका!
रूसी राष्ट्रपति की यह यात्रा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की खाड़ी देशों सऊदी अरब और इजरायल की यात्रा के ठीक बाद हो रही है। अमेरिका का कहना है कि, वह ईरान को परमाणु हथियार नहीं बनाने देगा लेकिन वहीं ईरान के सुप्रीम लीडर के सलाहकार ने खुलासा किया था कि उनके देश के पास अब परमाणु बम बनाने की तकनीक आ गई है। अब ऐसे में अमेरिका को जोर का झटका लगना लाज़मी है।
जंग के बाद पहली बार ईरान का दौरा
बता दें कि, फरवरी में चीन की यात्रा के बाद से पहली बार वे यूएसएसआर के सदस्य रहे देशों से बाहर ईरान की यात्रा कर रहे हैं। पुतिन के विदेश नीति सलाहकार यूरी उशाकोव ने कहा, पुतिन का ईरान दौरा अंतरारष्ट्रीय कूटनीति के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है। पुतिन ईरान दौरे के क्रम में देश के सर्वोच्च नेता खामेनेई के साथ महत्वपूर्ण अतंरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि, द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय एजेंडे पर सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर दोनों देशों के बीच भरोसेमंद संवाद विकसित हुआ है। वहीं, एक ईरानी अधिकारी ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि, ईरान को एक मजबूत सहयोगी की जरूरत है, और रूस एक महाशक्ति है।