September 27, 2024

खालिस्तानी आतंकवादी रिंडा की मौत, ISI के लिए बन गया था रोड़ा; पंजाब में 10 आतंकी हमलों में था वांटेड

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चंडीगढ़
गैंगस्टर से आतंकवादी बने खालिस्तानी समर्थक हरविंदर सिंह संधू उर्फ ​​​​रिंडा की पाकिस्तान के लाहौर स्थित एक अस्पताल में मौत हो गई है। रिंडा पंजाब में कम से कम 10 आतंकी वारदातों में शामिल था। इसमें इसी साल मई माह में पंजाब के पुलिस मुख्यालय पर आरपीजी हमला शामिल है। पंजाब पुलिस के खुफिया अधिकारियों ने बताया कि रिंडा की मौत के पीछे आईएसआई का हाथ हो सकता है। उसके पंजाब में कई लिंक है, जिस वजह से वह पाकिस्तान में बैठे आतंक के आकाओं के काफी करीब आ गया था। पंजाब पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि खालिस्तान समर्थक बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) आतंकी समूह का सदस्य रिंडा ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) को पंजाब में ड्रग्स और हथियारों की तस्करी में मदद करने में अहम भूमिका निभाई। मई में मोहाली में पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय पर आरपीजी हमले में भी उसे मास्टरमाइंड के रूप में नामित किया गया था।

राज्य पुलिस के शीर्ष अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "हालांकि रिंडा मौत के पीछे का सही कारण अभी तक ज्ञात नहीं है, केंद्रीय एजेंसियों से हमें जो जानकारी मिल रही है, वह यह है कि हेरोइन की आदी रिंडा का एक अस्पताल में ड्रग-ओवरडोज का इलाज चल रहा था। रिंडा की मौत को पंजाब के लिए बड़ी राहत है।" एक वरिष्ठ खुफिया अधिकारी ने कहा कि रिंडा की मौत में आईएसआई का हाथ होने से इनकार नहीं किया जा सकता। कहा, “शुक्रवार को उसका निधन हो गया। उसकी मौत के पीछे आईएसआई का भी हाथ हो सकता है क्योंकि हाल के दिनों में उसके बीकेआई के प्रमुख वडावा सिंह बब्बर के साथ अच्छे संबंध नहीं थे।

2008 में पहली बार अरेस्ट हुआ था रिंडा
अधिकारियों ने कहा कि अमृतसर के तरनतारन जिले के निवासी रिंडा को पहली बार 2008 में एक पारिवारिक झगड़े के बाद गिरफ्तार किया गया था। जेल में अपने समय के दौरान अपराधियों के संपर्क में आने के बाद रिंडा ने अपना ठिकाना महाराष्ट्र के नांदेड़ में बनाया। एक दूसरे खुफिया अधिकारी के अनुसार, खालिस्तान समर्थक आतंकी समूहों के संपर्क में आने के बाद वह 2020 में फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल कर पाकिस्तान चला गया था।

आईएसआई का खास था रिंडा
अधिकारी के अनुसार, “खालिस्तानी आतंकवादी हरमीत सिंह पीएचडी के 2020 में लाहौर के पास मारे जाने के बाद ऐसे इनपुट थे कि आईएसआई भारत में अपने नापाक इरादों को पूरा करने के लिए रिंडा को यूज कर रहा था। रिंडा के पंजाब में मजबूत और पुराने संपर्क हैं और वह पंजाब की योजनाओं के लिए पाकिस्तान का प्रमुख हाथ बन गया था।"

 

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