November 12, 2024

मल्टीनेशनल कंपनियां सीधे किसानों से खरीदेंगी फसल, आईटीसी, पेप्सिको, बिग बास्केट जैसी कंपनियों को न्योता

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उत्तर प्रदेश

आईटीसी, पेप्सिको, बिग बास्केट जैसी मल्टीनेशनल कंपनियां जल्द किसानों से फसल की सीधी खरीदी कर सकेंगी। इस तरह की 13 कंपनियों को उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आमंत्रित किया गया है। इसके लिए योगी सरकार एग्री टेक किसान गवर्मेंट पार्टनरशिप (एटीएफजीपी) मॉडल विकसित कर रही है।

इससे बिजनेस टू बिजनेस मॉडल पर काम करने वाली एग्री टेक कंपनियां इस माडल पर निवेश कर सकेंगी। इसके लिए एग्री टेक कंपनियों, किसानों और सरकार के बीच साझेदारी का मॉडल विकसित किया जाएगा और उसी के अनुरूप सरकार अपनी नीतियों को परिवर्तित करेगी। इससे एग्री टेक कंपनियों को प्रदेश में अपना स्टोर शुरू करने, कृषि से सम्बंधित डाटा प्राप्त करने और इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने में आसानी होगी।
 
अब ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में राज्य सरकार इन कंपनियों के सामने निवेश का यह विकल्प पेश करेगी। इस मॉडल के तहत एग्री टेक कंपनियां किसानों को बीज, उर्वरक और कीटनाशक उपलब्ध करवाने के साथ उन्हें नई टेक्नोलॉजी और कृषि ड्रोन के इस्तेमाल के बारे में भी बताएंगी। इसके अलावा उचित मूल्य पर किसानों से उनके उत्पाद की खरीदी भी करेंगी। बी टू बी मॉडल पर काम करने वाली एग्री टेक कंपनियां किसानों से उनका उत्पाद खरीदने के बाद खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की देश-दुनिया की बड़ी कंपनियों को बेच सकेंगी।

उत्पादकता बढ़ेगी, मुनाफे में होगी वृद्धि
मृदा परीक्षण से लेकर बाजार तक पर आधारित इस मॉडल का सबसे ज्यादा लाभ मझोले और छोटे जोत के किसानों को मिलेगा। इससे किसानों की खेती में लगने वाली लागत में कमी आएगी। सर्वोत्तम प्रथाओं के माध्यम से उनकी उत्पादकता बढ़ेगी। इससे उनके मुनाफे में वृद्धि होगी।

इन कंपनियों को बुलाया गया ग्लोबल समिट में
यूपी जीआईएस-23 के लिए सरकार की तरफ से जिन भारतीय एग्री टेक कंपनियों को निमंत्रण भेजा जा रहा है, इनमें बिग हॉट, देहात, एग्रिम, भारत रोहन ड्रोन्स, फसल, क्रॉपिन, एग्रिक्स, स्टार एग्री, एग्रिवी, एग्री बाजार, नाशएग्री, समुन्नति और ग्रामकवर शामिल हैं। 10 से 12 फरवरी के बीच लखनऊ में होगी समिट

किसानों को सुविधाएं मिलेंगी
एग्री टेक कंपनियां किसानों को मिनी कोल्ड स्टोरेज और भंडारण की सुविधा उपलब्ध करवाएंगे। भंडार और कोल्ड स्टोरेज के अभाव में उनकी फसलों, सब्जियों और फलों की होने वाली हानि भी रुकेगी।

 

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