November 26, 2024

बांग्लादेश में तुर्की को बहुत बड़ा झटका देने की मोदी सरकार की तैयारी

0

नई दिल्ली
रूस से तेल और गैस की आपूर्त को पड़ोसी देशों तक पहुंचाने के लिए भारत एक ट्रांजिट देश बनने पर विचार कर रहा है और भारत सरकार का आइडिया है, कि वो क्यों ना भारत के रास्ते रूसी तेल और गैस की आपूर्ति अपने पड़ोसी देशों तक करे। तुर्की पहले से ही भारत के पड़ोसी देशों तक रूसी ऊर्जा पहुंचाने के लिए ट्रांजिट रूट बनने पर काम कर रहा है, लेकिन अगर भारत ऐसा करता है, तो फिर तुर्की के बिजनेस आइडिया को गहरा धक्का लगेगा। ट्रांजिट देश बन सकता है भारत  रिपोर्ट के मुताबिक, तुर्की ने बांग्लादेश के सामने ट्रांजिट कंट्री बनने का प्रस्ताव रखा है, यानि बांग्लादेश तक रूसी तेल और गैस पहुंचाने में तुर्की मदद करेगा, लेकिन रिपोर्ट में कहा है, कि भारत अपनी भौगोलिक स्थिति और बांग्लादेश के साथ मजबूत राजनीतिक संबंधों को देखते हुए ट्रांजिट कंट्री बनकर बांग्लादेश की सहायता के लिए विचार तलाश रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश में तुर्की के राजदूत मुस्तफा उस्मान तुरान ने बुधवार को ढाका में कहा कि, रूसी ऊर्जा आपूर्ति के लिए पारगमन देश बनकर बांग्लादेश की मदद करने में तुर्की को "अधिक खुशी" होगी।

बांग्लादेश भी खरीदता है रूसी तेल
आपको बता दें कि, सितंबर महीने में रूसी तेल खरीदने के लिए बांग्लादेश ने भी कोशिशें की थीं और बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांग्लादेश अपने कच्चे तेल के बिल को कम करने के लिए रूस से सस्ता तेल खरीदने की कोशिश कर रहा है और संभवतः भारत के माध्यम से शिपमेंट को रूट कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक, "बांग्लादेश पेट्रोलियम कॉरपोरेशन रोसनेफ्ट के साथ 59 डॉलर प्रति बैरल की रियायती दरों पर कच्चे तेल का आयात करने के लिए बातचीत कर रही है, जबकि वैश्विक बाजार मूल्य 100 डॉलर की ओर बढ़ रहा है। चूंकि बांग्लादेश के पास रूसी कच्चे तेल को रिफाइन करने की तकनीक नहीं है, इसलिए वह मदद के लिए भारत का रुख कर सकता है।'' वर्तमान में, असम में नुमालीगढ़ रिफाइनरी से रिफाइंड कच्चे तेल के आयात के लिए बांग्लादेश का भारत के साथ दीर्घकालिक कॉन्ट्रैक्ट है। इसके अलावा, बांग्लादेश ने रिफाइंड पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात के लिए इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड को हरी झंडी दे रखी है।

 ईंधन के लिए भारत कर रहा है मदद इसके अलावा भारत और बांग्लादेश के बीच 131.57 किलोमीटर लंबी मैत्री तेल पाइपलाइन का निर्माण भी चल रहा है, जिसे अगले एक से दो महीने में तैयार होने की उम्मीद है, जिसके बाद भारत बांग्लादेश में निर्बाध तरीके से तेल की आपूर्ति कर सकता है। करीब 125 किमी पाइपलाइन बिछाई जा चुकी है। यह सिलीगुड़ी, पश्चिम बंगाल और परबतीपुर, दिनाजपुर को जोड़ेगा। पाइपलाइन की लागत लगभग 500 करोड़ रुपये है, जिसमें से 300 करोड़ रुपये भारत ने दिए हैं। पाइपलाइन की कुल लंबाई में से 126.50 किमी बांग्लादेश के अंदर है।

सूत्रों ने कहा, "यह पाइपलाइन बांग्लादेश के रंगपुर और राजशाही के 16 जिलों में निर्बाध ईंधन आपूर्ति सुनिश्चित करेगी और पाइपलाइन बनने के बाद बांग्लादेश में तेल की कीमत में कमी आ जाएगी, क्योंकि ट्रांसपोर्टेशन की कीमत काफी कम हो जाएगी।" इसके अलावा अपनी ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाने के लिए, बांग्लादेश, भारत और रूस ने बांग्लादेश के रूपपुर में एन-पावर प्लांट बनाने के लिए चार साल पहले एक त्रिपक्षीय परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। सूत्रों ने कहा कि, "रूस एन-पावर प्लांट का निर्माण कर रहा है और भारतीय कंपनियां गैर-महत्वपूर्ण उपकरणों के निर्माण, स्थापना और आपूर्ति में शामिल हैं।"
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed