पूर्वोत्तर के लाभ के लिए जलमार्गों की संभावना तलाशने को प्रतिबद्ध है केंद्र : सोनोवाल
नई दिल्ली
केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि केंद्र सरकार अंदरूनी हिस्सों के विकास के लिए संचार के महत्वपूर्ण साधन के तौर पर अंतर्देशीय जलमार्गों की पूर्ण क्षमता तलाशने पर काम कर रही है। सोनोवाल ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में अधिक आर्थिक जीवंतता सुनिश्चित करने में जलमार्गों की भूमिका को भी रेखांकित किया। असम की बराक घाटी के लिए जलमार्ग परियोजनाओं की प्रगति की शनिवार को समीक्षा करने के बाद केंद्रीय पोत, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री ने शनिवार को कहा, ''पूर्वोत्तर भारत संपन्न है तथा इसकी संपन्नता हमारी समृद्ध विरासत तथा संसाधनों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए दुनिया तक पहुंचनी चाहिए। अंतर्देशीय जलमार्ग हमारे पूर्वोत्तर के लोगों के लिए एक शानदार रास्ता है, ताकि हमारे उत्पादों को प्रभावी तथा आर्थिक रूप से विश्व तक पहुंचाया जा सके।''
असम निवासी सोनोवाल ने कहा, ''नए भारत की विकास की कहानी के साधन के तौर पर इस दूरदृष्टि को साकार करने में पूर्वोत्तर की बहुत बड़ी भूमिका है। जलमार्ग हमारे क्षेत्र के अंदरुनी इलाकों तक पहुंचने में अहम भूमिका निभाते हैं और व्यापार में अवसर, वैश्विक बाजार में सेवा के दरवाजे खोलते हैं। हम इस ओर तेजी से काम कर रहे हैं।'' केंद्रीय मंत्री ने भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) द्वारा पूर्वोत्तर क्षेत्र के आसपास लागू की जा रही विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा की।
उन्होंने बदरपुर टर्मिनल और करीमगंज टर्मिनल पर मौजूदा तटीय सुविधाओं के नवीनीकरण पर हुई प्रगति की समीक्षा की। सोनोवाल ने अधिकारियों को राष्ट्रीय जलमार्ग-2 (ब्रह्मपुत्र) और राष्ट्रीय जलमार्ग 16 (बराक) पर मालवाहक जहाजों के सुचारू आवागमन सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया। सोनोवाल ने जिन परियोजनाओं की समीक्षा की है उनसे न केवल असम को बल्कि मिजोरम, त्रिपुरा, मणिपुर और मेघालय को भी फायदा मिलेगा।