कोर्ट ने अन्नाद्रमुक के चुनाव चिह्न् पर रोक लगाने की जनहित याचिका खारिज की
चेन्नई
मद्रास उच्च न्यायालय ने अन्नाद्रमुक के चुनाव चिह्न् पर रोक लगाने की जनहित याचिका को खारिज कर दिया और याचिकाकर्ता पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया। मद्रास उच्च न्यायालय की पहली पीठ जिसमें मुख्य न्यायाधीश एम.एन. भंडारी और न्यायमूर्ति एन. माला ने एक पी.ए. जोसेफ ने कहा कि जनहित याचिका विशुद्ध रूप से प्रचार के लिए दायर की गई थी।
याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि वह जे.जे. पार्टी का संस्थापक है। याचिकाकर्ता ने अदालत से अनुरोध किया कि वह भारत के चुनाव आयोग को उसके 28 जून के आवेदन पर विचार करने का निर्देश दे, जिसमें अन्नाद्रमुक के 'दो पत्ते' के चिन्ह को अस्थायी रूप से रोक दिया गया था। उन्होंने प्रार्थना की कि यह तब तक प्रभावी होना चाहिए जब तक कि ओ पनीरसेल्वम और एडप्पादी के पलानीस्वामी के नेतृत्व वाले अन्नाद्रमुक के प्रतिद्वंद्वी गुटों के बीच लड़ाई खत्म नहीं हो जाती।
खंडपीठ ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि यह शुद्ध प्रचार के लिए है और याचिकाकर्ता ने भारत के चुनाव आयोग से प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए एक सप्ताह तक भी इंतजार नहीं किया।
याचिकाकर्ता ने याचिका में पलानीस्वामी के खिलाफ कुछ आरोप भी लगाए थे और आरोप लगाया था कि उनके प्रति निष्ठा के कारण एक प्रमुख समूह उन पर (पलानीस्वामी) पार्टी का नेतृत्व संभालने के लिए दबाव बना रहा था।