प्रीमियम ट्रेनों में अब मिलेगी 10 रुपये की ही चाय, रेलवे ने हटाया सर्विस चार्ज; लेकिन बढ़ा दिए खाने के दाम
नई दिल्ली।
20 रुपये की चाय को 70 रुपये में देने के मामले में मचे हंगामे के बीच रेलवे ने अपनी सभी प्रीमियम ट्रेनों में सभी खाद्य और पेय पदार्थों पर से अलग से लिया जाने वाला 50 रुपये सर्विस टैक्स हटा दिया है। लेकिन खाने की कीमतों में सेवा शुल्क जोड़ा गया है। रेलवे बोर्ड ने जारी आदेश में उल्लेख किया है कि ऑन-बोर्ड खानपान से सेवा शुल्क हटा दिया गया है। चाय और कॉफी की कीमतें सभी यात्रियों के लिए समान होंगी, भले ही आपने इनके लिए पहले से बुकिंग की हो या ट्रेन में ही ऑर्डर किया हो। इसके लिए दरों में कोई वृद्धि नहीं होगी।
इन प्रीमियम ट्रेनों में अगर यात्रा के समय स्नैक्स, लंच या डिनर का ऑर्डर दिया जाएगा, तो 50 रुपए का सेवा शुल्क खाने की कीमतों में जुड़ा होगा। पहले नाश्ते, दोपहर के भोजन और शाम के जलपान की दर 105 रुपये, 185 रुपये और 90 रुपये थी, जबकि प्रत्येक भोजन के साथ 50 रुपये का अतिरिक्त शुल्क लगाया जाता था। हालांकि, यात्रियों को अब इस भोजन के लिए क्रमश: 155 रुपये, 235 रुपये और 140 रुपये का भुगतान करना होगा। ये बढ़ी दरें उन यात्रियों के लिए होंगी जो सफर के दौरान खाने का ऑर्डर करेंगे।
चाय-कॉफी पर दिखेगा असर
अगर आपने प्रीमियम ट्रेन में सफर के दौरान चाय या कॉफी का ऑर्डर किया है तो आपको 20 रुपये की चाय 70 में नहीं मिलेगी। रेलवे से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि सेवा शुल्क हटाने का फायदा केवल चाय और कॉफी के ऑर्डर देने पर ही नजर आएगा। लेकिन बिना बुकिंग के खाना ऑर्डर करने वाले यात्रियों को सेवा शुल्क देना होगा, जो उनकी भोजन की लागत में जोड़ दिया गया है। वंदे भारत ट्रेनों के लिए, जिन यात्रियों ने यात्रा के दौरान भोजन सेवाओं की बुकिंग नहीं की है, उन्हें नाश्ते/दोपहर के भोजन या रात के खाने/शाम के नाश्ते के लिए उतनी ही राशि चुकानी है, जितनी कि वे तब चुकाते थे जब सेवा शुल्क वसूला जाता था। ऐसा इसलिए है क्योंकि वृद्धि, शुल्क के तौर पर न दिखाकर खाने की कीमत के तौर पर दिखाई गई है।
देना होता था 50 रुपये सेवा शुल्क
भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम लिमिटेड (आईआरसीटीसी) के पहले के प्रावधान के तहत अगर किसी व्यक्ति ने अपनी ट्रेन की टिकट बुक करते समय ही भोजन के लिए बुकिंग नहीं कराई है तो उन्हें यात्रा के दौरान खान-पान का ऑर्डर देते समय अतिरिक्त 50 रुपये का भुगतान करना होता था, भले ही उन्होंने महज 20 रुपये की चाय या कॉफी का ही ऑर्डर किया हो।