September 24, 2024

वाराणसी की अदालत में भूत ने ली जमानत, खोजने निकली कमिश्‍नरेट पुलिस हो गई पस्‍त

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वाराणसी
कानून की आंख में धूल झोंक कर कुछ भी करवा लेने का ठेका लेने वालों के लिए वाराणसी में यह मामला नजीर बना हुआ है। दो दिन पूर्व दो दशक पहले मर चुके व्‍यक्ति को जमानतदार बना दिया गया। मगर जमानत लेने वालों को पेश करने का आदेश होने के बाद अब भूत को कहां से लाया जाए? यह माथापच्‍ची करने के दौरान पुलिस के सामने आया कि भूत को वह नहीं तलाश सकी है, ऐसे में अब कार्रवाई की जानी चाहिए।
 
दरअसल फर्जी जमानत देने के मामले में पांच के खिलाफ संगीन धाराओं में कैंट थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। सिपाही की तहरीर पर जांच के बाद मुकदमा दर्ज किया गया। न्यायालय विशेष कार्यपालक मजि. / सहायक पुलिस आयुक्त कार्यालय में नियुक्त हेड कांस्टेबल अजय कुमार सिंह की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया। उन्होंने बताया कि थाना लालपुर पाण्डेयपुर वाराणसी से एक पक्षीय चालानी धारा 151/107/116 सीआरपीसी की चालानी प्राप्त हुयी थी।

इसमें अभियुक्तगण 1. जितेन्द्र पुत्र स्व. राम मनुज पटेल निवासी ग्राम लमही थाना लालपुर वाराणसी उम्र 34 वर्ष, 2- धर्मेन्द्र कुमार पटेल पुत्र स्व. राम सनुज पटेल निवासी ग्राम लमही थाना लालपुर कमिश्‍नर वाराणसी उम्र 40 वर्ष 3- शीला देवी पत्नी स्व. संजय ग्राम लमही थाना लालपुर को गिरफ्तार होकर न्यायालय पेश किया गया। तदोपरान्त धारा 116(3) सीआरपीसी को तहत दो-दो लाख रू. का व्यक्तिगत बन्ध पत्र व इतनी ही धनराशि की दो-दो जमानत की मांग की गयी। पर्याप्त समय देने के बावजूद विपक्षीगण द्वारा व्यक्तिगत बन्धपत्र व जमानत प्रस्तुत नहीं किया गया।  
शांति व्यवस्था भंग होने के दृष्टिगत विपक्षीगण को जमानत एव व्यक्तिगत बन्धपत्र दाखिल करने तक पीठासीन अधिकारी (ज्ञान प्रकाश राय) द्वारा जेल भेज दिया गया। आठ सितम्बर को अधिवक्ता द्वारा उनके दो -दो लाख व्यक्तिगत बन्ध पत्र व इतनी ही धनराशि की दो- दो जमानत पीठासीन अधिकारी ज्ञान प्रकाश राय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जिसको पीठासीन अधिकारी (ज्ञान प्रकाश राय) द्वारा स्वीकृत कर रिहाई का आदेश दे दिया।
 
जिसपर वादी मुकदमा हनुमन्त कुमार सिंह ने समक्ष न्यायालय उपस्थित होकर जमानतदारों के सत्यापन हेतु आवेदन किया गया। इसके बाद जमानतदारों की जांच कराई गई तो उसमें से पांच ज़मानत फर्जी पाए गये। पीठासीन अधिकारी (ज्ञान प्रकाश राय) द्वारा जमानतदारों के सत्यापन हेतु सम्बन्धित थानों को आदेशित किया गया। सम्बन्धित थानों से प्राप्तः सत्यापन आख्या से जमानदार- 1- लव कुमार श्रीवास्तव पुत्र राजेन्द्र प्रसाद निवासी हुकुलगंज थाना कैण्ट वाराणसी 2. विजय कुमार पुत्र बेचन राम निवासी नख्खी घाट थाना जैतपुरा वाराणसी 3- राम लखन पुत्र मुन निवासी पलहीपट्टी थाना चोलापुर वाराणसी (गांव के प्रधान द्वारा दिए गए प्रमाण पत्र के अनुसार इनकी मौत 20 साल पहले हो चुकी है।), 4- अशोक पाण्डेय पुत्र धर्मदत्त निवासी खजुरी थाना लालपुर वाराणसी 5-अजय पुत्र राम नवल निवासी आशापुर थाना सारनाथ वाराणसी सभी फर्जी पाए गए। ज्ञान प्रकाश राय द्वारा विधिक कार्यवाही हेतु पुलिस उपायुक्त वरुणा जोन को भेजा गया जिसके बाद सभी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया।
 
दबी छिपी जुबान में अदालत में जिम्‍मेदारों ने यह कुबूल किया कि फर्जी जमानतदारों का खेल कोई नया नहीं है। अगर दस्‍तावेजों को गौर से खंगाला जाए तो इस भूत जमानतदार ने अब तक न जाने कितनों को जमानत दिलवा दिया होगा। ऐसे मामलों में गुपचुप मिलीभगत से सब खेल होता रहा है और अपराधी भी भूतों की कृपा पर मौज करते रहे हैं। लिहाजा अदालत की यह कार्रवाई उन लोगों के लिए नजीर है तो पैसे के बल पर न्‍याय को खरीदने की कोशिश करते हैं। मुकदमा दर्ज होने के बाद अब इस मामले में विधिक कार्रवाई की जा रही है।  

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