कलेक्टर ने ग्रामीणों को दी पेसा एक्ट के प्रावधानों की जानकारी
विशेष ग्रामसभा में कलेक्टर ने की सहभागिता
मंडला
कलेक्टर हर्षिका सिंह ने जनपद पंचायत मंडला के ग्राम भैंसादाह एवं सुरजपुरा में आयोजित विशेष ग्रामसभा में सहभागिता करते हुए उपस्थित ग्रामीणों को पेसा एक्ट के प्रावधानों की जानकारी दी। कलेक्टर ने कहा कि पेसा एक्ट के तहत ग्रामसभा को अनेक शक्तियाँ प्रदान की गई हैं, जो ग्रामसभा को सशक्त बनाएंगी। जल, जंगल और जमीन से संबंधित अधिकार भी ग्रामसभा को प्रदान किए गए हैं। इस अवसर पर जिला पंचायत के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी एसएस मरावी सहित संबंधित अधिकारी तथा ग्रामीणजन उपस्थित रहे।
कलेक्टर हर्षिका सिंह ने कहा कि पेसा अधिनियम के माध्यम से जनजातियों को सशक्त और समर्थ बनाने का कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ग्रामसभा में ऐसे लोगों को शामिल किया जाएगा जिनका नाम संबंधित पंचायत क्षेत्र की मतदाता सूची में शामिल हो। साधारणतः ग्राम के लिए एकसभा होगी, परंतु किसी टोला, मजरा के मतदाताओं की मंशा के अनुरूप एक से अधिक ग्रामसभाओं का भी गठन किया जा सकेगा। श्रीमती सिंह ने ग्रामसभा के गठन हेतु प्रस्ताव की प्रक्रिया एवं अध्यक्ष के चयन के संबंध में भी विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ग्रामसभा के सम्मिलन की अध्यक्षता अनुसूचित जाति के किसी ऐसे सदस्य द्वारा की जाएगी जो ग्राम पंचायत का सरपंच, उपसरपंच या पंच न हो। अध्यक्ष का कार्यकाल आगामी ग्रामसभा की तिथि तक रहेगा। ग्राम पंचायत का सचिव ग्रामसभाओं का पदेन सचिव रहेगा। श्रीमती सिंह ने बताया कि ग्रामसभा के सदस्यों के 10 प्रतिशत या 25 सदस्य जो भी कम हों द्वारा मौखिक या लिखित आवेदन किए जाने पर अध्यक्ष द्वारा 7 दिवस के भीतर ग्रामसभा का सम्मिलन बुलाना अनिवार्य होगा।
कलेक्टर ने बताया कि अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम पंचायत को ग्रामसभा के साधारण अधीक्षण, नियंत्रण तथा निर्देश के अधीन बाजार तथा मेलों के प्रबंधन की भी शक्तियाँ होंगी। प्रत्येक ग्रामसभा के लिए पृथक से खाता खोला जाएगा जिसके संचालन के लिए ग्रामसभा अपने सदस्यों में से 2 सदस्यों का चयन करेगी जिनमें कम से कम एक महिला होगी। इन सदस्यों में कोई भी सदस्य ग्राम पंचायत का सरपंच, उपसरपंच, पंच या उनके परिवार का सदस्य नहीं होगा। श्रीमती सिंह ने पेसा एक्ट के तहत गठित होने वाले शांति एवं विवाद निवारण समिति के संबंध में बताया कि समिति में निवासरत अनुसूचित जनजातियों को जनसंख्या के अनुपात में प्रतिनिधित्व प्रदान किया जाएगा तथा इस समिति में कम से कम एक तिहाई प्रतिनिधित्व महिलाओं को दिया जाएगा। यह समिति पारंपरिक पद्धति से ग्राम के विवाद के निवारण का कार्य करते हुए शांति बनाए रखने की दिशा में कार्य करेगी। श्रीमती सिंह ने बताया कि ग्रामसभा किसानों की आर्थिक स्थिति के अनुसार कृषि हेतु योजनाएं बनाएगी। पटवारी एवं बीटगार्ड विभाग के वित्तीय वर्ष के प्रथम सप्ताह में वर्ष में एक बार ग्रामसभा को अद्यतन राजस्व एवं वन अभिलेख उपलब्ध कराएंगे। कलेक्टर ने ग्रामीणों को भू-अर्जन के परामर्श, पुर्नव्यवस्थापन के लिए जनसुनवाई, जल संसाधनों का प्रबंधन, सिंचाई प्रबंधन, मत्स्य पालन, खान और खनिज, वनोपज, साहूकारी, हितग्राहियों का चिन्हांकन तथा मादक पदार्थ नियंत्रण आदि के संबंध में किए गए प्रावधानांे से अवगत कराया। कलेक्टर ने स्कूल, आंगनवाड़ी, स्वास्थ्य केन्द्र, पीडीएस दुकान सहित विभिन्न विभागों द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं के संबंध में ग्रामीणों से फीडबैक लिया।