महिलाओं-किसानों पर फोकस कर लंबी पारी खेल रहे क्षेत्रीय दल, लगातार तीसरी बार या उससे अधिक समय से सरकार
नई दिल्ली
राज्यों में महिलाओं, किसानों पर केंद्रीत कार्यक्रमों और आम लोगों के लिए सीधे फायदे की योजनाएं चलाकर कई क्षेत्रीय दल राज्यों में लंबी पारी खेल रहे हैं। कई राज्यों में क्षेत्रीय दलों की लगातार तीसरी बार या उससे अधिक समय से सरकारें चल रही हैं। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि लक्षित व लुभावनी योजनाओं के साथ पारिवारिक पृष्ठभूमि, क्षेत्रीय अस्मिता का मुद्दा और दल के मुखिया की व्यक्तिगत छवि भी इसमें कारगर साबित हुई है।
मौजूदा समय में ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक एक ऐसे शख्स हैं जो लगातार 5 चुनाव जीतकर पिछले 22 सालों से अपने पद पर कायम हैं। लेकिन उससे बड़ा रिकॉर्ड सिक्किम के मुख्यमंत्री रहे पवन चामलिंग का है, जो 24 साल 165 दिन लगातार मुख्यमंत्री रहे। पटनायक को उनका रिकॉर्ड तोड़ने के लिए 2024 का विधानसभा चुनाव फिर जीतना होगा। मौजूदा समय में लगातार तीन चुनाव जीतने वाले गैर भाजपा और गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरिवंद केजरीवाल हैं। तेलंगाना में केसीआर राव ने लगातार 2 चुनाव जीते हैं।
ओडिशा में महिलाओं के कार्यक्रम सफल साबित
नवीन पटनायक ने 8 मार्च 2001 को महिला स्वयं सहायता समूहों को लेकर मिशन शक्ति कार्यक्रम की शुरुआत की। राज्य में महिलाओं को आर्थिक, वैचारिक व राजनीतिक तौर पर समर्थ बनाने में यह कार्यक्रम बेहद प्रभावी साबित हुआ। राज्य में पंचायत, शहरी निकाय से लेकर जिला स्तर तक अभी 6 लाख से भी अधिक ऐसे महिला समूह कार्य कर रहे हैं जिनमें 70 लाख से अधिक महिलाएं हैं।
दूसरे, छोटे किसानों को कर्ज के बोझ से बचाने के लिए वित्तीय मदद की योजना कालिया और जगा मिशन जिसमें शहरों में झोपड़पट्टी में रहने वाले लोगों को आवास या भूमि प्रदान की जाती है, ये योजनाएं भी बेहद महत्वपूर्ण हैं। मोटे अनाज पर देश में भले ही अब काम हो रहा हो लेकिन ओडिशा में मिलट मिशन पहले से चल रहा है। ये योजनाएं राज्य में बीजद सरकार की बार-बार सफलता की मूल में रही हैं। इसके अलावा बीजू पटनायक की विरासत और बीजद का क्षेत्रीय दल होने की वजह से क्षेत्रीय अस्मिता का लाभ पार्टी को मिला है।
पश्चिम बंगाल में आर्थिक मदद की कई योजनाएं कारगर
इसी प्रकार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी राज्य में महिलाओं और किसानों पर विशेष फोकस किया। कन्याश्री योजना के तहत स्कूल पढ़ने वाली लड़कियों को 13-18 साल तक एक हजार प्रतिमाह और 18 साल बाद 25 हजार रुपये की राशि प्रदान की जाती है। इसी प्रकार रूपश्री योजना के तहत गरीब कन्याओं को विवाह के लिए 25 हजार की मदद, लक्ष्मीर भंडार योजना के तहत अनुसूचित जाति एवं जनजाति की महिला मुखिया को एक हजार प्रतिमाह और सामान्य वर्ग की महिला को 500 रुपये प्रतिमाह दिया जाता है। इसी प्रकार राज्य में 6 करोड़ लोगों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के तहत दो और तीन रुपये किलो मिलने वाले राशन को मुफ्त किया। कृषक बंधु योजना के तहत किसानों को 6 हजार प्रतिमाह, स्वास्थ्य साथी के तहत 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा जैसी योजनाएं भी कारगर रहीं।
दिल्ली में सब्सिडी, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में काम से मिली सफलता
दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जीत की वजह बिजली और पानी पर मिलने वाली सब्सिडी के साथ-साथ स्कूलों में सुधार को माना जाता है। इसके अलावा चिकित्सा सेवाओं में किए गए सुधारों जैसे मोहल्ला क्लिनिकों की स्थापना, सरकारी खर्च पर मरीजों को निजी प्रयोगशालाओं में उपचार की सुविधाएं प्रदान करना आदि सफलता के प्रमुख बने।
क्षत्रपों के कार्यकाल का कीर्तिमान
पवन चामलिंग: सिक्किम डमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के संस्थापक पवन चामलिंग 12 दिसंबर 1994 से 26 मई 2019 तक लगातार पांच बार सिक्किम के मुख्यमंत्री रहे हैं। उन्होंने लगातार पांच चुनाव जीते। वे सबसे लंबे 24 साल 165 दिन का कार्यकाल पूरा करने वाले मुख्यमंत्री हैं।
ज्योति बसु: लगातार पांच बार मुख्यमंत्री रहने वाले दूसरे व्यक्ति माकपा के ज्योति बसु 21 जून 1977 से 5 नवंबर 2000 तक बंगाल के मुख्यमंत्री रहे। उनके नाम 23 साल 137 दिन मुख्यमंत्री रहने का कीर्तिमान है।
नवीन पटनायक: लगातार 5 बार मुख्यमंत्री बनने वाले तीसरे व्यक्ति ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक हैं। वे पांच मार्च 2000 को ओडिशा के मुख्यमंत्री बने थे और अब तक इस पद पर कायम हैं। 22 साल से अधिक समय उन्हें हो चुका है। उनका कार्यकाल मई 2024 तक है।
माणिक सरकार: त्रिपुरा में माणिक सरकार ऐसे मुख्यमंत्री रहे हैं जो 4 बार चुनाव जीतकर लगातार करीब 20 साल मुख्यमंत्री रहे हैं। वे 11 मार्च 1998 से 9 मार्च 2018 तक त्रिपुरा के मुख्यमंत्री रहे हैं।
भाजपा और कांग्रेस का रिकॉर्ड
लगातार 3 बार मुख्यमंत्री बनने वाले कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों में दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित (15 साल 25 दिन), अरुणाचल के मुख्यमंत्री गेगांग अपांग (19 साल), मणिपुर में इबोबी सिंह (15 साल 8 दिन), असम में तरुण गोगोई (15 साल 7 दिन) प्रमुख हैं।