सरकारी स्कूल की बड़ी लापरवाही, मिड डे मिल खाने से कम से कम 25 बच्चे पड़े बीमार
नई दिल्ली
मिड डे मील का खाना खाने के बाद शनिवार को 25 बच्चे बीमार हो गए। आंध्र प्रदेश के श्री सत्य साईं जिले के एक सरकारी स्कूल में मिड डे मील का खाना खाने के बाद 25 बच्चों की तबीयत बिगड़ गई। घटना जिले के कादिरी कस्बे के नगरपालिका प्राथमिक विघालय की है। इससे पहले 25 नवंबर को पटना के सुपौल जिले में एक प्राथमिक विद्यालय चकडुमरिया में मिड डे मील के चावल में छिपकली मिलने का मामला सामने आने से खलबली मच गई थी। खाने में छिपकली मिलने से बच्चों के अभिभावकों ने स्कूल परिसर में जमकर हंगामा किया था। वहीं स्कूल के प्रिंसिपल ने एनजीओ के द्वारा खाना सप्लाई में लापरवाही होने की बातें कही है। शिक्षा विभाग के अधिकारी इस मामले की जांच में जुट गए हैं।
मिड डे मील खाने में छिपकली को कहा बैंगन
10 नवंबर को बिहार के भागलपुर के एक स्कूल में मिड डे मील खाने से करीब 200 बच्चे बीमार पड़ गए थे। एकसाथ इतने बच्चों के बीमार पड़ने की जानकारी मिलने के बाद नौगछिया अनुमंडल पुलिस के अधिकारी भी अस्पताल पहुंच गए थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आठवीं कक्षा के छात्र को अपने खाने की प्लेट में मरी हुई छिपकली मिली थी। इसको लेकर छात्र जब प्रिंसिपल के पास शिकायत करने पहुंचे तो मरी हुई छिपकली को उन्होंने बैंगन बता दिया और जबरदस्ती बच्चों को खाना खिलाया गया। शिक्षा विभाग ने इस मामले का संज्ञान लिया और पुलिस ने कहा कि दोषी पाए जाने पर स्कूल के प्रिंसिपल और अन्य के खिलाफ कारवाई की जाएगी।
मिड डे मील योजना
सरकार की ओर से सरकारी स्कूलों में बच्चों को भोजन देना, ताकि स्कूल में बच्चे रोजाना आयें और पर्याप्त पोषण भी मिलता रहा। इसी को देखते हुए सरकार ने मिड डे मील योजना की शुरूआत की। जानकारी के लिए बता दें कि इसकी शुरूआत 15 अगस्त, 1995 को हुई थी। जब ये स्कीम सफल होने लगा तो इसे वर्ष 2004 में पूरे देश के सरकारी स्कूलों में लागू कर दिया गया था। इस समय ये स्कीम पूरे देश के सरकारी स्कूलों में चलाई जा रही है।