अंडरग्राउंड लाइन पर दौडेगी मेट्रो ,करोद में डेढ़ किमी लंबी लाइन बिछाई जाएगी
भोपाल
सन् 2014 में शुरू हुए मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को 8 एमडी भी निर्धारित काम डेडलाइन में पूरा नहीं करा सके। जब इस प्रोजेक्ट को शुरू किया गया था। तब इस प्रोजेक्ट की डेडलाइन दिसंबर 2022 थी। अब इसकी डेडलाइन बढ़कर सितंबर 2023 कर दी गई है। अहम बात यह है कि अब तक पहले कॉरीडोर का आधा हिस्सा भी आमजन के लिए शुरू नहीं हो सका है। एम्स से सुभाष ब्रिज से आगे तक 6.22 किमी लंबी लाइन में पिलर और स्लैब का ही काम पूरा हुआ है। अभी रेलवे स्टेशन के साथ पटरी, सिग्नलिंग और अन्य काम बाकी है। खास बात यह है कि 216 पिलर बन गए हैं और अब अंडरग्राउंड ट्रेक पर फोकस होगा।
2014 से मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट को पूरा करने का जिम्मा आइएएस संजय शुक्ला, गुलशन बामरा, विवेक अग्रवाल, प्रमोद अग्रवाल, नीतिश व्यास, मनीष सिंह, छवि भारद्वाज, निकुंज श्रीवास्तव पर रहा और अब मनीष सिंह पर है। अस्थिरता की वजह मेट्रोपोलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी तक का गठन नहीं हो पाया है। अगले पांच साल में बढ़ने वाली आबादी को देखते हुए योजना को गति देना है, ताकि लोग तेजी से अपने गंतव्य तक आवाजाही कर सकें, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा। भोपाल में दो लाइन का निर्माण करीब 7 हजार करोड़ रुपए में पडेÞगा।
1200 करोड़ में अंडरग्राउंड लाइन पर दौडेगी
यूरोपियन इंवेस्टमेंट बैंक की टीम के निरीक्षण के बाद अब करीब डेढ़ माह में यहां से राशि मिलने की स्थिति बन जाएगी। प्रोजेक्ट के अधिकारियों के अनुसार लोन की बड़ी राशि अंडरग्राउंड रेलवे लाइन पर खर्च की जाएगी। करीब 1200 करोड़ रु पए का काम होगा। इस राशि से ही करोद क्षेत्र की संकरी गलियों में करीब डेढ़ किमी लंबी लाइन बिछाई जाएगी।
हबीबगंज रेलवे क्र ॉसिंग ब्रिज के लिए चाहिए 6 महीने
हबीबगंज रेलवे क्र ॉसिंग पर 65 मीटर लंबा और 10 मीटर चौड़ा, 350 टन स्टील ब्रिज बनना है। इसकी कास्टिंग का काम चल रहा है। इसमें कम से कम 6 महीने का समय लगेगा। उसके बाद यह ब्रिज यहां लाकर पिलर पर फिक्स किया जाएगा। एम्स से सुभाष नगर तक प्रायोरिटी कॉरिडोर के 226 पिलर में से 216 बनकर तैयार हैं। जबकि 10 पिलर का काम चल रहा है। यदि स्टेशन की बात करें तो सुभाष नगर पर बन रहा स्टेशन जमीन के ऊपर नजर आने लगा है। जबकि बाकी जगह काम चल रहा है।