डॉ. हरीसिंह गौर विवि में संस्थापक के नाम पर डॉ. गौर पीठ की स्थापना
सागर
देश के सबसे पुराने और सबसे बड़े शिक्षा संस्थान डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय में आखिरकार स्थापना के 76 साल बाद डॉ. गौर पीठ की स्थापना हो गई। विवि के संस्थापक व महान दानवीर व विधिवेत्ता और संविधान निर्माण समिति के सदस्य डॉ. हरीसिंह गौर के नाम पर सागर में पीठ की स्थापना की गई है। गौर जयंती के मुख्य कार्यक्रम में कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने इसकी घोषणा की है।
सागर के गौरमूर्ति पर गौर जयंती के मुख्य कार्यक्रम के दौरान कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने विवि की विभिन्न उपलब्धियों व नए कोर्स और विभागों की जानकारी देते हुए कहा कि वे सुबह 11 बजे विवि परिसर में गौर पीठ का शुभारंभ करने जा रही हैं। केंद्र व यूजीसी से इसकी अनुमति पूर्व में मिल चुकी थी। बता दें कि बीते हफ्ते गौर पीठ के लिए प्रो. दिवाकर सिंह राजपूत को समन्यवयक नियुक्त किया गया था। कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने कहा कि यहां की जनता ने विवि प्रशासन के सामने दो प्रमुख मांगे रखी थीं। जिनमें पहली डॉ. गौर को भारत रत्न प्रदान करने एवं दूसरी विवि में गौर पीठ की स्थापना प्रमुख थी।
शोध एवं अध्ययन का अनूठा केंद्र बनेगा विश्वविद्यालय में गौर पीठ की स्थापना की घोषणा करते हुए कुलपति ने कहा कि सागरवासी भी इसमें सहयोग करें। उन्होंने कहा कि यह केंद्र शोध एवं अध्ययन का अनूठा केंद्र बनेगा। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार से मेरी गुजारिश है कि डॉ. गौर संग्रहालय स्थापित करने में सहयोग करें, ताकि उनके जीवन से जुड़ी तमाम उन चीजों का संग्रह और प्रदर्शन किया जा सके और ज्यादा से ज्यादा लोग उनके जीवन, संघर्ष और उनके विचारों के बारे में जान सकें।