यूपी में मरीजों संग इलाज करने वालों की भी सुधर रही सेहत, अस्पतालों के हालात सुधारने का भी इंतजाम
लखनऊ
उत्तर प्रदेश में सरकारी अस्पतालों में मरीजों के साथ ही इलाज करने वालों की सेहत भी सुधर रही है। वहीं अस्पतालों के हालात सुधारने का भी इंतजाम हो रहा है। आयुष्मान भारत योजना के तहत 19 अस्पतालों को इलाज का टारगेट पूरा करने पर करीब 42 लाख रुपये इंसेंटिव मिला है। इलाज की रकम में से लगभग 55 लाख रुपये अस्पतालों को दुरुस्त करने के लिए भी स्टाफ ने कमाए हैं। आयुष्मान भारत योजना में प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर जिला स्तरीय अस्पतालों के लिए मरीजों की संख्या के हिसाब से इलाज के लक्ष्य तय किए गए हैं। टारगेट पूरे करने पर इलाज से मिलने वाली राशि में से 15 फीसदी स्टाफ को इंसेंटिव के रूप में देने का प्रावधान है। जबकि 20 फीसदी राशि अस्पताल में रोगी सुविधाओं को बेहतर बनाने पर खर्च की जा सकती है। टारगेट पूरे करने वाले अस्पताल करीब 55 लाख रुपये रोगी सुविधाओं में सुधार पर खर्चकर सकेंगे।
कैंसर इंस्टीट्यूट को इस बार जगह नहीं
सितंबर में खत्म हुई तिमाही में इन 19 अस्पतालों को इंसेंटिव मिला है। जबकि इस तिमाही की सूची में कानपुर के जेके कैंसर इंस्टीट्यूट और प्रतापगढ़ की कालाकांकर सीएचसी को जगह नहीं मिली। जबकि पिछली तिमाही में यह दोनों अस्पताल भी टारगेट पूरे कर इंसेंटिव पाने वाली सूची में शामिल थे।
अमेठी, सीतापुर समेत इन अस्पतालों के स्टाफ को मिला इंसेंटिव
अमेठी की सीएचसी भादर, बहराइच की चितौरी, जिला पुरुष अस्पताल बांदा, जिला पुरुष अस्पताल फतेहपुर, फतेहपुर की खागा सीएचसी, कानपुर देहात की सीएचसी गजनेर, जिला संयुक्त चिकित्सालय महाराजगंज, प्रतापगढ़ की सीएचसी मांधाता और पर्वतपुर, सीतापुर की बिसवां सीएचसी, वाराणसी की आराजी लाइन, हाथी बाजार, नरपतपुर, गंगापार, पुआरी कलां, बिसवां कोट, शिवपुर सीएचसी के अलावारेफरल यूनिट चोलापुर और पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर सेंटर शामिल हैं। सबसे ज्यादा 29 लाख इंसेंटिव वाराणसी के कैंसर सेंटर को मिला है।