श्रीराम विवाहोत्सव का आयोजन, आज निकलेगी बारात
रायपुर
धर्म-आस्था की सनातनी परम्परा के निवर्हन का कई उदाहरण आज भी उसी श्रद्धा भाव से चलित है। हिंदू संवत्सर के अगहन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर भगवान श्रीराम-सीता का विवाह हुआ था। इस साल 2022 में विवाह की परंपरा पंचमी तिथि पर 28 नवंबर को निभाई जाएगी। विवाह से पूर्व भगवान श्रीराम और सीता की प्रतिमा पर हल्दी-मेहंदी लगाने की रस्म निभाई जा चुकी है। महिलाओं ने पहले श्रीराम-सीता के चरणों में मेहंदी लगाई। इसके पश्चात एक-दूसरे को मेहंदी लगाकर बधाई गीत गाए। रविवार दोपहर को पुन: मेंहदी का रस्म हुआ।
गोपीदास मठ के महंत राजीवनयन शरण महाराज के सानिध्य में सुबह पूजा-अर्चना की गई। नवान्ह पाठ के पश्चात दोपहर को महिलाओं ने भजन-कीर्तन और विवाह के गीत गाते हुए हल्दी-मेहंदी लगाने की रस्म निभाई। महंत ने बताया कि रविवार को सुबह नवान्ह पाठ के बाद दोपहर को पुन:महिलाएं हल्दी-रस्म निभाया गया। सोमवार को सुबह श्रीविग्रह का दुग्धाभिषेक किया जाएगा। भगवान श्रीराम का श्रृंगार दूल्हा और सीता माता का दुल्हन रूप में श्रृंगार किया जाएगा। हवन, पूजन के दौरान विवाह गीत गाए जाएंगे। मंदिर परिसर से बरात निकाली जाएगी। मंदिर के आसपास से होकर बरात वापस मंदिर पहुंचेगी जहां फेरों की रस्म निभाई जाएगी। बरातियों का स्वागत किया जाएगा। भगवान के प्रसाद स्वरूप भलजीज व्यंजनों का आनंद लिया जा सकेगा।
श्री गोपीदास राम जानकी मंदिर सेवा समिति के संयोजक महंत राजीव नयन शरण महाराज ने बताया कि यह मंदिर 250 साल पुराना है। मंदिर के महंत स्व. रामअभिलाष दास ने 1980 में श्रीराम विवाहोत्सव का आयोजन किया था। तबसे मंदिर में धूमधाम से उत्सव मनाया जा रहा है।