मुमुक्षु मुस्कान ने जैन भगवती दीक्षा पूर्व 11 दिव्यांगों को दिये श्रवण यन्त्र
रायपुर
मुमुक्षु मुस्कान बाघमार सांसारिक जीवन को त्याग कर जैन भगवती दीक्षा ग्रहण करने जा रही है। इसके पूर्व मानव सेवा प्रकल्प के तहत जैन संवेदना ट्रस्ट द्वारा मुमुक्षु मुस्कान ने 11 गूंगे बहरे दिव्यांगों को श्रवण यन्त्र प्रदान किये। शारदा व वैशाखिन सास बहु हैं सास 80 वर्ष पार है , दोंनो के कान कमजोर होने से बड़ी परेशानी हो गई थी , लेकिन अब दोनों श्रवण यन्त्र लगाकर बातचीत कर सकेंगी बहु ने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि अब जीवन के रोजमर्रा के कार्यों में आसानी होगी।
मुमुक्षु मुस्कान ने इस अवसर पर कहा कि मानवता की सेवा जीवन का सर्वोत्तम कार्य है। बुजुर्गों को सुनने में दिक्कत होने लगती है , दैनिक जीवन के कार्यों में अड़चन महसूस होती है उन्हें श्रवण यन्त्र बहुत बड़ा सहारा है। जैन संवेदना ट्रस्ट के सदस्यों का मानव सेवा के प्रति समर्पण अनुमोदनीय है।जैन संवेदना ट्रस्ट के महेन्द्र कोचर व विजय चोपड़ा ने कहा कि अमूल्य मानव जीवन में जैन दीक्षा लेकर ही मोक्ष प्राप्ति का श्रेष्ठ पुरूषार्थ किया जा सकता है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की बहन मुस्कान की दीक्षा के अवसर पर 11 बुजुर्ग व बच्चों को श्रवण यन्त्र का वितरण किया गया है। संस्था द्वारा दिव्यांग सेवा के साथ ही सामाजिक जनजागरण, जनसुविधाओं के मुद्दों को प्रखरता से उठाया जाता है। दीक्षा के अवसर पर शारदा यादव, वैशाखिन यादव, कामता दुबे, राम श्रीवास, मोहसीन भाई, दुलारी, 6 वर्षीय कोमल, हिरेश, लाखन, रोशन लाल व एक्का को श्रवण यन्त्र वितरित किए गए। इस अवसर पर पारस चोपड़ा, महेन्द्र कोचर, विजय चोपड़ा, संतोष बाघमार, सुनील चोपड़ा विशेष रूप से उपस्थित रहे।