China protest पर UN की अपील, अधिकारों का सम्मान करे ड्रैगन, लोगों को हिरासत में लेना बंद करें
चीन
China Protest को लेकर सुर्खियों में बना हुआ है। जनता सड़कों पर उतर आई है। संयुक्त राष्ट्र ने चीन से शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार का सम्मान करने का आह्वान किया है। समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र ने चीन से शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों में भाग लेने के लिए लोगों को हिरासत में नहीं लेने का आग्रह किया है। शंघाई में पुलिस के साथ झड़प बता दें कि चीनी शासन-प्रशासन पर राजनीतिक आज़ादी और कोविड-19 लॉकडाउन को समाप्त करने की मांग को लेकर देश भर में हो रहे प्रदर्शनों पर अंकुश लगाने की कोशिश करने के आरोप लग रहे हैं। सोमवार को COVID-19 प्रतिबंधों का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी शंघाई में पुलिस के साथ भिड़ गए।
सार्वजनिक अशांति से जूझ रहा ड्रैगन रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन में विरोध प्रदर्शन लगातार तीसरे दिन भी जारी रहे। प्रोटेस्ट कई अन्य शहरों में भी फैल चुका है। रविवार सुबह तड़के शंघाई की सड़कों पर जमा हुई गुस्साई भीड़ और प्रदर्शनकारियों ने तालाबंदी को खत्म करने का आह्वान किया। अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार चीन शून्य-कोविड नीति के खिलाफ बढ़ते सार्वजनिक अशांति से जूझ रहा है। बता दें कि चीन को ड्रैगन के नाम से भी संबोधित किया जाता है।
राष्ट्रपति शी जिनपिंग को हटाने की मांग यह भी दिलचस्प है कि एक दशक पहले राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सत्ता में आने के बाद अभी हो रहा विरोध-प्रदर्शन अभूतपूर्व माना जा रहा है। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, वीकएंड में कई प्रमुख शहरों में प्रदर्शनों में संख्या बढ़ी है। शिकायतों की श्रेणी में आवाजें उठाई जा रही हैं। अधिक से अधिक लोकतंत्र और स्वतंत्रता के नारे लगाए जा रहे हैं। सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को हटाने का भी आह्वान किया है। संसाधनों पर विनाशकारी प्रभाव आक्रोशित लोगों का आरोप है कि राष्ट्रपति जिनपिंग ने लगभग तीन वर्षों तक बड़े पैमाने पर परीक्षण, क्रूरता से लागू लॉकडाउन, क्वारंटाइन और डिजिटल ट्रैकिंग की रणनीति अपनाई है, इसके कारण मानव और आर्थिक संसाधन पर विनाशकारी प्रभाव पड़ा है। हिरासत में लोग, संख्या पर मौन है पुलिस अलग-अलग मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, चीनी पुलिस ने सोमवार को शंघाई में एक साइट पर दो प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया।
समाचार के मुताबिक पुलिस ने कितने लोगों को हिरासत में लिया गया था, इस बारे में बार-बार पूछताछ करने पर शंघाई पुलिस ने सोमवार को कोई जवाब नहीं दिया। रविवार की रात विरोध प्रदर्शनों के कारण सड़कों को बंद कर दिया गया। फोन से फोटो हटाने का आदेश शंघाई में प्रदर्शनकारी वीकएंड में कोविड-19 लॉकडाउन का विरोध करने के लिए जमा हुए थे। पुलिस भी लोगों को एक तरफ खींच रही थी और उन्हें अपने फोन से फोटो हटाने का आदेश दे रही थी। द स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, उरुमकी वुलुमुकी सड़क पर इकट्ठा होने से समूहों को रोकने की कोशिश करने पर प्रदर्शनकारियों के साथ पुलिस की झड़प हुई। इसी के साथ रविवार को शहर के इलाके में बड़ी भीड़ जमा हो गई। वुलुमुकी चीन की आधिकारिक भाषा मंदारिन में उरुमकी का ही नाम है।