November 24, 2024

अयोध्या श्रीरामजन्मभूमि मंदिर के क्षेत्र में लागू होगा कॉमन बिल्डिंग कोड, सीएम योगी का निर्देश

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 अयोध्या

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि श्रीरामजन्मभूमि मंदिर के आसपास के इलाके में कामन बिल्डिंग कोड लागू किया जाए। अयोध्या नगरीय विकास का मॉडल के रूप में विकसित की जाएगी। अयोध्या में 24 घंटे पेयजल की व्यवस्था होगी। साथ ही वेस्ट मैनेजमेंट की कार्ययोजना पर तेजी से काम किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि जन्मभूमि के आसपास के क्षेत्र को धार्मिक भू-उपयोग के रुप में प्रस्तावित किया जाए। वहीं अयोध्या के चौराहों को त्रेतायुग के ऋषिओं, विदुषी नारियों व अन्य महान चरित्रों के नाम पर होंगे।  
मुख्यमंत्री सोमवार को अयोध्या नगर महायोजना 2031 तैयार करने के कार्यों में अब तक की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्यमंत्री ने अयोध्या के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व का उल्लेख करते हुए अयोध्या को 'नगरीय विकास के मॉडल शहर' के रूप में विकसित करने के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

योगी ने निर्देश दिए कि अयोध्या के विकास के लिए 84 कोसी शास्त्रीय सीमा को आधार बनाएं। अयोध्या विजन डॉक्यूमेंट में तय कार्ययोजना का समयबद्ध क्रियान्वयन किया जाए। सीएम ने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि मंदिर के आस-पास के क्षेत्रों में कॉमन बिल्डिंग कोड लागू किया जाना उचित होगा। एक जैसे भवन, एक रंग के भवन होने से यह उस महत्वपूर्ण क्षेत्र को और सौंदर्य प्रदान करने वाला होगा। इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही की जाए।

उन्होंने निर्देश दिए कि अयोध्या चौक विकास की कार्ययोजना में अयोध्या की संस्कृति, लोकाचार, यहां के महान इतिहास और यहां के विकास से संबंधित भविष्य की महत्वाकांक्षी रूपरेखा के बीच सामजंस्य होना चाहिए। महायोजना के प्रस्तावों के क्रियान्वयन के लिए विभिन्न क्षेत्र के जोनल प्लान तैयार किए जाएं। शुरुआती समय में ही इन क्षेत्रों के जोनल प्लान तैयार कर विकास को नियोजित दिशा प्रदान की जाए तो वहाँ पर अनाधिकृत निर्माण पर नियंत्रण हो सकेगा। इसके लिए जोनल प्लान तैयार किए जाएं।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि अयोध्या में  संतुलित विकास के लिए विभिन्न आय वर्गों के लिए भावी आवासीय व विभिन्न क्षेत्र के सामुदायिक सुविधाओं, उपयोगिताओं व सेवाओं का प्राविधान किया जाना चाहिए।  अयोध्या में अनियोजित/अनियंत्रित विकास को प्रत्येक दशा में रोका जाए। ऐसी गतिविधियां स्वीकार नहीं की जाएंगी। अयोध्या को क्लाइमेट फ्रेंडली शहर का रूप देना होगा। सरयू में चलने वाली बोट, स्टीमर आदि ग्रीन फ्यूल आधारित हों। श्रीरामजन्मभूमि परिसर के आस-पास इको फ्रेंडली वाहनों को प्रोत्साहित किया जाए। 

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