September 22, 2024

चुनाव आयोग पर भड़की बीजेपी, हमारे लिए आचार संहिता की रोक, सरकार का उद्घाटन और नियुक्ति पत्र चकाचक चल रहा

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पटना 

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉक्टर संजय जायसवाल ने बिहार निर्वाचन आयोग पर सवालिया निशान उठाते हुए कहा है कि बिहार निर्वाचन आयोग ने अपनी गरिमा को समाप्त कर सरकारी बाबुओं का दफ्तर बन चुका है। उन्होंने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारी सरकार के इशारे पर ही काम करते हैं। सरकार के अलावा सभी को आचार संहिता के नाम पर रोका जाता है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि अगर किसी सांसद अथवा विधायक को नगर में 6 महीने पुराने सड़क का भी उद्घाटन करना है तो जिलाधिकारी नियम समझाते हैं कि बिहार के शहरों में आदर्श आचार संहिता लागू है और इसलिए कोई कार्य आप नहीं कर सकते हैं। इतना ही नहीं अगर 18 वर्ष से कम के बच्चों का भी कोई कार्यक्रम एक सांसद के रूप में करने पर भी आदर्श आचार संहिता की दुहाई देकर रोका जाता है । दूसरी ओर बिहार सरकार पुरानी नौकरियों का भी प्रमाण पत्र बांट रही  हैं और सार्वजनिक सभा कर योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया जा रहा है। संजय जायसवाल ने कहा कि क्या आचार संहिता केवल भाजपा के लिए है, राज्य सरकार कुछ भी करती रहे उसपर कोई रोक नहीं लगेगी। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि इससे स्पष्ट हो जाता है कि राज्य निर्वाचन आयोग की बिहार में दशा क्या है और आयोग केवल सरकारी बाबुओं का दफ्तर बनकर रहा गया है। अधिकारी केवल सरकार के इशारों पर काम कर रहे हैं। 

भाजपा अध्यक्ष ने नीतीश सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग पर हमला बोलते हुए कहा कि एक तरफ सांसद और विधायकों को अचार संहिता के नाम पर काम करने से रोका जा रहा है वहीं दूसरी तरफ बिहार के मुख्यमंत्री ,उपमुख्यमंत्री ,सभी विभागों के सचिव खुलेआम पटना शहर में पुरानी नौकरियों को नया बताकर नियुक्ति पत्र बांटते हैं। गया जी मे नल जल योजना का सार्वजनिक उद्घाटन एवं सभा करते हैं। लेकिन इसको संज्ञान में लेने की सुधि निर्वाचन आयोग को नहीं है।

डॉ जायसवाल ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग को यह बताना चाहिए कि सांसद,विधायक कोई भी कार्यक्रम, आदर्श आचार संहिता के तहत शहर में नहीं कर सकते हैं तो किस नियम के तहत मुख्यमंत्री,उपमुख्यमंत्री,विभागों के सचिव सार्वजनिक सभा कर पटना में नौकरियां बांट रहे हैं एवं बोधगया में नदी जल योजना का उद्घाटन कर रहे हैं। क्या यह नगर में लगे आदर्श आचार संहिता में नहीं आता है। अगर यह आता है तो अभी तक मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री के ऊपर एफआईआर निर्वाचन आयोग ने क्यों नहीं दर्ज कराया है? भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि अगर यह आचार संहिता उल्लंघन में नहीं आता है तो किस नियम से सांसद और विधायकों को नगर में किसी भी कार्य पर आदर्श आचार संहिता की बात की जा रही है।
 

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