पूर्व मंत्री धर्म सिंह सैनी को क्यों नहीं मिली बीजेपी में दोबारा एंट्री? क्या है वजह
लखनऊ
पूर्व मंत्री धर्म सिंह सैनी का राजनैतिक भविष्य अधर में आ गया है। ऐन विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा का दामन छोड़ने वाले धर्म सिंह की पार्टी में दोबारा एंट्री बुधवार को बेहद नाटकीय अंदाज में रोक दी गई। सैनी पूरे दल-बल के साथ सीएम योगी की खतौली में होने वाली सभा में शामिल होने की तैयारी में थे। पार्टी सूत्रों की मानें तो स्थानीय जनप्रतिनिधियों और संगठन के विरोध और दिल्ली दरबार के हस्तक्षेप के बाद फिलहाल सैनी के लिए भाजपा के दरवाजे बंद कर दिए गए हैं।
विधानसभा चुनाव से ठीक पहले स्वामी प्रसाद मौर्य की अगुवाई में चलाई गई भाजपा छोड़ने की मुहिम में तत्कालीन आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी भी शामिल थे। सपा में शामिल होते वक्त उन्होंने भाजपा के खिलाफ खासी आग उगली थी। सपा की सरकार बनने का दावा करने वाले सैनी अपनी सीट भी नहीं बचा पाए थे। योगी सरकार के फिर सत्ता में लौटते ही उन्होंने वापसी की राह तलाशना शुरू कर दिया था। हाल ही में प्रदेश में आयुष विभाग में बड़ा एडमिशन घोटाला सामने आने के बाद फिर सैनी का नाम उछला था। हालांकि इसे लेकर उन्होंने सफाई भी दी थी।
धर्म सिंह सैनी के भाजपा में शामिल होने के प्रयासों की भनक जैसे ही पार्टी के स्थानीय विधायकों और संगठन के नेताओं को लगी तो उन्होंने पुरजोर विरोध शुरू कर दिया। विरोध करने वालों में प्रदेश सरकार के मंत्री ब्रजेश सिंह और जसवंत सैनी, तीन विधायक और दो सांसद शामिल थे। मामला दिल्ली दरबार तक जा पहुंचा। अंतत: पार्टी ने अपनी छवि को वरीयता देते हुए सैनी के सीएम योगी के मंच की ओर बढ़ते कदमों को रोक दिया।
भंवर में फंसी राजनैतिक नैया
पूर्व मंत्री सैनी और उनके समर्थकों की भाजपा में ज्वाइनिंग की सारी तैयारी धरी रह गई। अब वे भले दो दिन बाद मेरठ में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी की मौजूदगी में पार्टी में शामिल होने का दावा कर रहे हों मगर भाजपा ने फिलहाल उनके लिए नो एंट्री का बोर्ड लगा दिया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सैनी इस बोर्ड को बदलवाने में कितने सफल हो पाते हैं। भाजपा के इस दांव से पूर्व मंत्री की राजनैतिक नैया अधर में फंस गई है क्योंकि भाजपा में शामिल होने के ऐलान के बाद अब सपा में रहना भी उनके लिए असहज होगा।