बुरहानपुर की घटना से लिया सबक,प्रदेश में अब हथियारों की सुरक्षा के लिए बनेगी खास नीति
भोपाल
प्रदेशभर में वन विभाग की चौकियों पर रखे शस्त्रों की सुरक्षा व्यवस्था अस्त-व्यस्त है। बुरहानपुर में एक बूढ़े दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के भरोसे सत्रह बंदूकों की सुरक्षा व्यवस्था छोड़ दी गई थी जिसके कारण वहां बंदूके लूटने की घटना हो गई।
प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा को इस पूरे मामले की जांच करने और इसके बाद प्रदेश के साढ़े तीन सौ स्थानों पर वन विभाग द्वारा रखे जा रहे साढ़े तीन हजार हथियारों की सुरक्षा के लिए पॉलिसी बनाने की जिम्मेदारी सौपी गई है। राजौरा परसो बुरहानपुर पहुंच रहे है।
बुरहानपुर कलेक्टर भव्या मित्तल ने बताया कि बुरहानपुर में वन चौकी पर एक बूढ़े कर्मचारी बाबूलाल को सत्रह बंदूकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौप दी गई थी। वे इनकी सुरक्षा नहीं कर पाए और बंदूक लूट की घटना हो गई। बाद में पुलिस ने जांच कर लूटी गई बंदूक बरामद कर ली है।
वन चौकियों पर शस्त्रों की सुरक्षा का सिस्टम किस तरह इन्प्रूव किया जाए इसके लिए अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा यहां के पूरे घटनाक्रम के परीक्षण करने परसो बुरहानपुर आ रहे है। वे वन चौकियों की सुरक्षा की नीति तैयार करने के लिए अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को देंगे।
शस्त्रों की सुरक्षा व्यवस्था नाकाफी
वर्तमान में प्रदेशभर में वन चौकियों सहित साढ़े तीन सौ स्थानों पर वन विभाग को आबंटित साढ़े तीन हजार हथियार रखे हुए है। लेकिन इनकी सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं है। कहीं बूढ़े दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के भरोसे इनकी सुरक्षा की जा रही है तो कहीं इन्हें रखने के लिए सुरक्षित शस्त्रागार ही नहीं है।
इसी का फायदा उठाकर जंगल महकमें में सक्रीय जंगल माफिया अब वनों की सुरक्षा करने वाले अमले के हथियार ही लूट रहा है। इसीलिए अब अपर मुख्य सचिव वन को जिम्मेदारी दी गई है कि वन चौकियों और जंगलों में वन विभाग के हथियारों की सुरक्षा के लिए एक व्यवस्थित सिस्टम बनाए।
वे बुरहानपुर में हुई घटना का व्यापक परीक्षण करेंगे। इसके बाद पूरे प्रदेश में वन विभाग के हथियारों को सुरक्षित रखने का सिस्टम तैयार करेंगे। सुरक्षा प्रबंधों में क्या खामियां है उन्हें दूर किया जाएगा। यह पॉलिसी पूरे प्रदेश में लागू की जाएगी।