प्रदेश के 3 IPS अफसरों को क्लीनचिट मिलने तक पेंशन की टेंशन
भोपाल
केंद्रीय प्रत्यक्षकर बोर्ड (CBDT) की एक रिपोर्ट के बाद प्रदेश के 3 IPS अफसरों और एक राज्य पुलिस सेवा के अफसर की विभागीय जांच शुरू की गई थी। इस मामले में एडीजी संजय माने का नाम भी था। वे पिछले साल नवंबर में रिटायर हो चुके हैं।
इस विभागीय जांच के चलते संजय माने की पेंशन का प्रकरण पुलिस मुख्यालय में अटका हुआ है। जब तक वे विभागीय जांच में क्लीन चिट नहीं पा लेते, तब तक उनकी पेंशन का मामला अटका ही रहेगा। इसी मामले में वी मधु कुमार का नाम भी है, वे इस साल 31 दिसंबर को रिटायर होने जा रहे हैं।
उनकी यदि विभागीय जांच खत्म नहीं हुई तो उनकी मुश्किलें बढ़ सकती है। उनका पेंशन का प्रकरण अटक सकता है। इसी मामले में एक एडीजी सुशोभन बनर्जी भी है। बैनर्जी जेएनपीए सागर में पदस्थ हैं। उनकी भी इस मामले में जांच चल रही है। उनका अगले साल रिटायरमेंट हैं। तब तक जांच जारी रही तो उन्हें भी मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है।
यदि एक माह के अंदर एडीजी वी मधु कुमार की विभागीय जांच का मामला नहीं सुलझा तो उनकी मुश्किलें बढ़ सकती है। इस जांच से वे बाहर नहीं निकले तो रिटायरमेंट के बाद उनका पेंशन का प्रकरण उलझ सकता है। वे जिस मामले में विभागीय जांच का सामना कर रहे हैं, उसी मामले में विभागीय जांच का सामने कर रहे एक अन्य आईपीएस अफसर पिछले साल रिटायर हो चुके हैं और उनका भी अब तक पेंशन का मामला अटका हुआ है।
कैसे चुकाएंगे लोन
वहीं एक अन्य आईपीएस अफसर एवं स्पेशल डीजी राजेंद्र मिश्रा के रिटायर होने के बाद उनका पेंशन प्रकरण भी अटका हुआ है। उन अफसर पर पूर्व में एक विभागीय जांच भी चल चुकी है। बताया जाता है कि जांच में उन पर आरोप तय नहीं हो सके, उनके साथ इस जांच में एक और आईपीएस अफसर भी थे।
बताया जाता है कि दोनों ही अफसरों को क्लीनचीट मिल चुकी है, लेकिन अब उनका पेंशन का प्रकरण एक बैंक से बड़ी राशि का लोन लेने के मामले में फंस गया है। हालांकि उनका यह प्रकरण एक शपथ पत्र दिए जाने के बाद सुलझ जाएगा। इसलिए उन्हें पेंशन दिए जाने में बड़ी अड़चन नहीं आएगी।