भाजपा का ऑपरेशन पंजाब और राजस्थान शुरू
नई दिल्ली
भाजपा के बारे में कहा जाता है कि एक चुनाव से निपटते ही, वह दूसरे चुनाव की तैयारी शुरू कर देती है। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व हमेशा चुनावी मोड में ही रहता है। अभी गुजरात के चुनाव निपटे नहीं कि राजस्थान, हरियाणा और पंजाब भाजपा के एजेंडे पर आ गए हैं। राजस्थान में अगले साल दिसंबर में चुनाव होने हैं, और अटकल लग रही है कि हरियाणा विधानसभा के चुनाव मई 2024 में लोकसभा चुनावों के साथ ही करवा लिए जाएंगे। इसी के साथ ही पार्टी हाईकमान ने पंजाब में भी संगठन का कायाकल्प करना शुरू कर दिया है। इन तीनों राज्यों में पंजाब भाजपा की दृष्टि से सबसे कमजोर राज्य है। याद करिए 2014 से पहले हरियाणा भी भाजपा की दृष्टि से कमजोर राज्य था।
लेकिन नरेंद्र मोदी जब भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री थे, तब हरियाणा का प्रभारी रहते हुए उनके दिमाग में हरियाणा जीतने की जो रणनीति बनी थी, उसे उन्होंने प्रधानमंत्री बनते ही लागू कर दिया, इसमें सब से पहला कदम था, इनलोद से राजनीतिक गठबंधन तोड़ना, जो शुरू से ही भाजपा पर हावी थी। कुछ महीने बाद हुए चुनावों में भाजपा एक ही हल्ले में सत्ता में आ गई। पांच साल बाद 2019 में हुए चुनावों में भाजपा दूसरी बार सहयोगियों के साथ सरकार बनाने में कामयाब रही।
भाजपा जब तक पंजाब में अकाली दल के साथ गठबंधन में थी, सीमाओं में बंधी हुई थी, लोकसभा की तीन सीटें और विधानसभा की 23 सीटें। अकाली दल और भाजपा में सीटों का यह स्थाई बंटवारा तब हुआ था, जब मदन लाल खुराना पंजाब के प्रभारी थे। मोदी 2017 में ही अकाली दल से गठबंधन तोड़ना चाहते थे, लेकिन संघ से सहमति मिलने के बावजूद अरुण जेटली ने गठबंधन तोड़ने नहीं दिया। 2020 में कृषि कानूनों के मुद्दे पर खुद गठबंधन तोड़ कर अकाली दल ने मोदी का काम आसान कर दिया। अब मोदी पंजाब में भाजपा का मेकओवर कर रहे हैं। गांधी परिवार की गलतियों से कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में आने वाले राज्य के प्रभावशाली नेताओं के हाथ में पंजाब भाजपा की कमान सौंपी जा रही है। पंजाब में भाजपा का कायापलट कुछ कुछ असम की तर्ज पर हो रहा है, जहां कांग्रेस से आने वाले हेमंत बिस्व सरमा के हाथ में कमान सौंप दी गई थी। अब दो बार से भाजपा असम में सत्ता में है और हेमंत बिस्व सरमा मुख्यमंत्री हैं।
भाजपा ने पंजाब में हिन्दू और सिख का समन्वय बनाने के लिए कांग्रेस से आए अमरिंदर सिंह और सुनील जाखड़ को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल कर के प्रदेश काडर को यह संदेश दे दिया गया है कि पंजाब में भाजपा का पुनर्निर्माण मोदी स्टाईल से होगा। इसके अलावा कांग्रेस से ही आए राणा गुरमीत सिंह सोढी और अकाली दल से आई अमनजोत कौर रामूवालिया को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में विशेष आमंत्रित रखा गया है। जो चार लोग राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल किए गए हैं, उनमें तीन सिख समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। भाजपा पंजाब में अब तक सिर्फ हिन्दू पार्टी बनी हुई थी, लेकिन अब सिखों को ज्यादा अहमियत दी जा रही है। पंजाब में 45 प्रतिशत हिन्दू और 55 प्रतिशत सिख हैं। अभी हाल ही में कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए जयवीर शेरगिल को राष्ट्रीय प्रवक्ता बना कर हिन्दू सिख का संतुलन कायम किया गया है। राष्ट्रीय प्रवक्ता होने के नाते वह भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में होंगे। संतुलन बनाने के लिए भाजपा के पुराने नेता मनोरंजन कालिया को भी विशेष आमंत्रित रखा गया है, यानी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में तीन हिन्दू और तीन सिख शामिल कर के हिन्दू-सिख का संतुलन बनाया गया है।