EWS कोटे पर बहस की मांग करेंगे, राहुल गांधी के बगैर सत्र के लिए कांग्रेस ने कर ली तैयारी
नई दिल्ली
बुधवार से शुरू होने जा रहे संसद के शीतकालीन सत्र में हालांकि राहुल गांधी, दिग्विजय सिंह समेत कई दिग्गजों की कांग्रेस पार्टी को कमी खलेगी लेकिन, पार्टी ने सरकार को घेरने की तैयारी पूरी कर ली है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने शनिवार को कहा कि पार्टी सत्र में बेरोजगारी, महंगाई और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण के मुद्दों को उठाएगी। उन्होंने कहा कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण पर बातचीत हुई थी। चूंकि सुप्रीम कोर्ट के तीन न्यायाधीश संशोधन पर सहमत थे और दो ने इसके बारे में सवाल उठाए हैं। कांग्रेस इस पर पुनर्विचार करने की मांग करेगी और संसद में बहस करना चाहेगी। दरअसल, राहुल गांधी, दिग्विजय सिंह और कई कांग्रेसी दिग्गज भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त होने के चलते संसद के शीतकालीन सत्र का हिस्सा नहीं होंगे। इसके अलावा कांग्रेस पार्टी मल्लिकार्जुन खडगे को ही नेता प्रतिपक्ष पर बनाये रखने पर विचार कर रही है। जयराम रमेश ने शनिवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, जातिगत जनगणना करवाना जरूरी था और कांग्रेस इसके पक्ष में थी। कांग्रेस नेताओं ने संसद सत्र के लिए अपनी रणनीति बनाने के लिए सोनिया गांधी के आवास पर बैठक की।
जयराम रमेश ने कहा, "बैठक में बेरोजगारी, किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) गारंटी, मूल्य वृद्धि, मुद्रास्फीति, साइबर अपराध, न्यायपालिका और केंद्र के बीच तनाव, रुपए के कमजोर होने, उत्तर भारत में कम निर्यात और वायु प्रदूषण के मुद्दे दूसरों के बीच चर्चा की गई।" बता दें कि शीतकालीन सत्र 7 दिसंबर से शुरू होगा और 29 दिसंबर तक चलेगा। गुजरात चुनाव कार्यक्रम के कारण सत्र को एक महीने देरी से शुरू करना पड़ रहा है।
सरकार के एजेंडे में 16 नये बिल
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के लिए यह पहला सत्र होगा, जब वो राज्यसभा की कार्यवाही की अध्यक्षता करेंगे। वहीं, सरकार आगामी सत्र के दौरान कई विधेयकों को पारित करने की योजना बना रही है। संसद, विपक्ष अत्यावश्यक मामलों पर चर्चा की मांग करेगा। शीतकालीन सत्र के लिए केंद्र सरकार के एजेंडे में 16 नए बिल शामिल हैं। पेश किए जाने वाले कुछ विशेष विधेयकों में व्यापार चिह्न (संशोधन) विधेयक 2022, वस्तुओं का भौगोलिक संकेत (पंजीकरण और संरक्षण) (संशोधन) विधेयक 2022 और निरसन और संशोधन विधेयक 2022 शामिल हैं। इसके अलावा सरकार ट्रेड मार्क (संशोधन) विधेयक मैड्रिड पंजीकरण प्रणाली के कुछ पहलुओं को शामिल करना चाहता है।
कुछ अन्य विधेयकों में बहु-राज्य सहकारी समितियां (संशोधन) विधेयक 2022 और राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक 2022 शामिल हैं। सरकार के एजेंडे में एंटी-मैरीटाइम पाइरेसी बिल 2019 भी शामिल है, जिसे 9 दिसंबर, 2019 को लोकसभा में पेश किया गया था और इसे विदेश मामलों की स्थायी समिति के पास भेजा गया था। रिपोर्ट इस साल 11 फरवरी को पेश की गई थी।
क्या है एंटी मैरीटाइम पाइरेसी बिल
एंटी-मैरीटाइम पाइरेसी बिल समुद्री डकैती से संबंधित अपराधों के लिए व्यक्तियों के अभियोजन के लिए देश के भीतर आवश्यक कानूनी ढांचा प्रदान करता है। जो संयुक्त राष्ट्र के समुद्री कानून (यूएनसीएलओएस) के अनुरूप घरेलू एंटी-मैरीटाइम पाइरेसी कानून की तरह काम करता है।