September 23, 2024

जेल पहुंचा बिहार का घूसखोर इंजीनियर, किराये के घर में छिपाता था काली कमाई; 1 करोड़ कैश जब्त

0

 पटना 

बिहार के घूसखोर इंजीनियर की काली कमाई का पूरा चिट्ठा खुल गया है। भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता संजीत कुमार के घर से 1.08 करोड़ रुपये कैश बरामद होने के बाद उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। संजीत पर नोटों की बारिश कुछ इस कदर हो रही थी कि उसे छुपाने के लिए उसने किराये पर भी एक घर ले रखा था। पटना के गर्दनीबाग के जिस मकान में वह रहता है, उसी के पड़ोस में उसने किराये पर मकान ले रखा है। इसका इस्तेमाल वह घूसखोरी से होने वाली मोटी कमाई को छुपाने के लिए करता था। इतनी चालाकी के बाद भी वह निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को चकमा नहीं दे पाए। शनिवार तड़के तक चली तलाशी के दौरान संजीत कुमार के घर से 1 करोड़ 8 लाख 72 हजार रुपये कैश बरामद हुए हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में कीमती जेवरात भी मिले हैं।

निगरानी विभाग के सूत्रों के मुताबिक, जब छापेमारी शुरू हुई उस वक्त तक अधिकारियों को किराये के मकान की कोई जानकारी नहीं थी। मगर अफसरों ने सुझबूझ से तलाशी के दौरान ही इसकी जानकारी जुटा ली। दिलचस्प है कि घूसखोर ने किराये वाले घर में किराना का सामान रखा था और उसकी के बीच नोटों से भरा एक बैग भी छुपा रखा था।

दो लाख रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा गया संजीत

भवन निर्माण विभाग के केंद्रीय प्रमंडल पटना का कार्यपालक इंजीनियर संजीत कुमार को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने शुक्रवार को दो लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। सगुना मोड़ के रहने वाले ठेकेदार अवधेश गोप ने लगभग 16 लाख रुपये के भुगतान के लिए संजीत द्वारा रिश्वत मांगे जाने की शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद इंजीनियर को रिश्वत के दो लाख रुपये के साथ गर्दनीबाग स्थित आवास से पकड़ा गया। गिरफ्तारी के बाद उसके बक्सर स्थित घर और पटना के दो ठिकानों की तलाशी ली गई।

27 लाख के जेवर और बैंक लॉकर भी मिले

निगरानी टीम के मुताबिक, संजीत कुमार के पटना स्थित ठिकाने की तलाशी शनिवार को पूरी हुई। बड़े पैमाने पर मिले नोटों की गिनती में काफी समय लगा। अधिकारियों के मुताबिक, कुल 1.08 करोड़ रुपये कैश बरामद किए गए। इसके अलावा 27 लाख के सोने के गहने भी मिले हैं। गर्दनीबाग के एक बैंक में उसका लॉकर भी है, जिसे फिलहाल सील कर दिया गया है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *