हाउसिंग बोर्ड को चाहिए हर जिले में 200-200 करोड़ के प्रोजेक्ट
भोपाल
मध्यप्रदेश अधोसंरचना गृह निर्माण मंडल (हाउसिंग बोर्ड) ने अपने अफसरों से कहा है कि उन्हें हर जिले में दो सौ-दो सौ करोड़ के प्रोजेक्ट चाहिए। इसके लिए संभागों के अधिकारी कलेक्टरों से संपर्क करें और जमीन की तलाश कर कलेक्टरों से समन्वय कर जमीन आवंटन कराएं और प्रोजेक्ट तैयार करें। अधिकारी प्रोजेक्ट के लिए अविकसित भूमि चिन्हित करें एवं उन पर शीघ्र योजना बना कर भेंजे। बोर्ड के स्वर्ण जयंती वर्ष में ऐसे प्रोजेक्ट आने से लोगों में बोर्ड के काम पर और भरोसा बढ़ेगा।
पिछले दिनों हुई हाउसिंग बोर्ड अफसरों की बैठक में अफसरों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि सभी उपायुक्त मंडल की अतिक्रमित भूमि को चिन्हित करें एवं मुहिम चला कर अतिक्रमण से भूमि को मुक्त कराएं। अतिक्रमण मुक्त भूमि पर 15 दिन में योजना बना कर मुख्यालय भेजें। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की महत्वाकांक्षी सुराज योजना में अतिक्रमण मुक्त भूमि पर गरीबों के लिए आवासीय योजना का प्रारूप तैयार करें। सभी उपायुक्तों को सप्ताह में एक बार प्रोजेक्ट स्थल पर जाकर कार्य की समीक्षा करने और इंस्पेक्शन रिपोर्ट मुख्यालय भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
साथ ही सभी संभागीय अधिकारियों से कहा गया है कि वे अपने अधीनस्थ जिलों में कलेक्टर्स से सम्पर्क कर आवासीय योजना के लिए भूमि तय करें। मंडल के प्रोजेक्ट सभी जिलों में प्रारंभ होना चाहिए। हर जिले के लिए कोई न कोई योजना प्रारंभ करें चाहे वो आवासीय हो, व्यवसायिक हो अथवा भूखंड आधारित योजना हो उसे मूर्त रूप प्रदान करें। उन्होंने कहा कि हमारा मूल काम आवासीय है और हमें उस पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। सभी अधिकारियों से यह भी कहा गया कि इस स्वर्ण जयंती वर्ष में री-डेंसीफिकेशन को छोड़ कर एक बड़ा प्राजेक्ट किसी जिले के लिए चिन्हित करें। कम से कम 200-200 करोड़ की योजनाएं बनाएं।