ईरान में महिला प्रदर्शनकारियों की बड़ी जीत, सरकार ने ‘हिजाब विरोधी’ नैतिक पुलिस को किया खत्म
ईरान
ईरान में 22 वर्षीय युवती महिसा अमिनी की हत्या की गुनाहगार मोरालिटी पुलिस को आखिरकार ईरान सरकार ने हटा दिया है। हिजाब न पहनने के चलते मोरालिटी पुलिस ने अमीनी को इतना टॉर्चर किया था, कि उसकी मौत हो गई थी। ईरान में आखिरकार प्रदर्शनकारियों की जीत हुई है। ढ़ाई महीने से भी अधिक समय से चल रहे हिजाब विरोधी आंदोलन को जीत मिलती दिख रही है। ईरान सरकार ने महसा अमिनी की हत्या में शामिल मोरलिटी पुलिस की यूनिट को भंग कर दिया है। स्थानीय मीडिया ने यह जानकारी दी है। समाचार एजेंसी आईएसएनए ने अटॉर्नी जनरल मोहम्मद जाफर मोंटाजेरी के हवाले से कहा कि नैतिकता पुलिस का न्यायपालिका से कोई लेना-देना नहीं है। इसे अब खत्म कर दिया गया है।
नैतिकता पुलिस की 2006 में हुई थी स्थापना
नैतिकता पुलिस को कट्टरपंथी राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद के द्वारा 2006 में स्थापित किया गया था। औपचारिक रूप से इसे गश्त-ए-इरशाद के रूप में जाना जाता है। 'हिजाब की संस्कृति का प्रसार करने के लिए' नैतिकता पुलिस सुनिश्चित करती थी कि महिलाओं का सिर ढका हो। सितंबर माह में हिजाब न पहनने के कारण मोरालिटी पुलिस ने अमीनी को इतना टॉर्चर किया था, कि उसकी मौत हो गई थी। इसके बाद से ही देश में हिजाब-विरोधी प्रदर्शन हो रहे थे। सरकार तमाम कोशिशों के बाद भी इन प्रदर्शनों को रोक नहीं पाई थी।
चार दशकों से ईरान में लागू है हिजाब कानून
बता दें कि ईरान में इस्लामिक क्रांति के चार साल बाद अप्रैल 1983 से ही महिलाओँ के लिए हिजाब पहनना जरूरी है। इसके बाद से बीते चार दशकों से यह देश में एक संवेदनशील मुद्दा बना हुआ है। ईरान एक रूढ़िवादी देश है। कानून में संशोधन भी कहीं न कहीं रूढ़िवादियों पर निर्भर करता है। रूढ़िवादी धड़ा हिजाब को अनिवार्य बनाने के पक्ष में रहा है वहीं दूसरी तरफ प्रगतीशील जमात हैं जो कि इसे दकियानूसी सोच बताते हैं और इसे व्यक्तिगत पसंद पर छोड़ना चाहते हैं।
14 हजार से अधिक लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी
ईरान इस्लामिक रिवोलूशनरी गार्ड कॉर्स के एक जनरल ने कहा है कि महसा अमीनी की मौत के बाद अब तक 300 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। वहीं कुछ मानवाधिकार संगठनों का दावा है इससे कहीं अधिक है। ईरान के शीर्ष सुरक्षा निकाय, सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने मारे गए लोगों का आंकड़ा 200 से अधिक बताया है, जबकि ओस्लो स्थित गैर-सरकारी संगठन ईरान ह्यूमन राइट्स के मुताबिक अब तक इस प्रदर्शन में कम से कम 448 लोग मारे जा चुके हैं। बीते हफ्ते यूएन राइट्स चीफ का कहना था कि ईरान में विरोध प्रदर्शन में बच्चों और महिलाओँ समेत 14 हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।