दिल्ली के दंगल में खूब भिड़े नेता पर क्यों बूथ से दूर रह गई जनता, 50.47% ही वोटिंग
नई दिल्ली
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के 250 वार्ड पर पार्षद चुनने के लिए रविवार को मतदान हुआ। बूथों पर पहुंचे वोटर घंटों तक नए परिसीमन की पहेली में ऐसा उलझे रहे कि शाम तक मतदान कुल 50.47 का आंकड़ा छू सका। यह पिछली बार की तुलना में लगभग तीन फीसदी कम है। बताया जा रहा है कि परिसीमन की वजह से बूथ बदलने, मतदाता सूचियों में नाम न मिलने और पोलिंग स्टेशन पर कुप्रबंधन की उलझन ज्यादातर वार्डों में परेशानी का कारण बनी। मतदाता इस तरह उलझे कि कुछ वोट डालने की उम्मीद में इधर-उधर भटके तो तमाम लोगों ने अंतत इससे दूरी ही बना ली।
धीमी शुरुआत
शुरुआत से ही ज्यादातर जगह मतदान बेहद धीमा रहा। दोपहर 11.30 बजे तक मतदाता सूची में नाम न मिलने की शिकायतें सोशल मीडिया पर आने लगीं। चुनाव आयोग ने इस बार मत प्रतिशत बढ़ाने को जागरूकता अभियान, विशेष बूथ बनाने समेत कई प्रयास भी किए थे लेकिन अव्यवस्थाओं के चलते कुल आंकड़ा काफी कम रह गया।
वोट दिए बिना लौटे
मतदान केंद्र तक पहुंचे कई लोग बिना वोट दिए मायूस लौटे। कुछ जगह बुजुर्ग मतदाताओं को जब दूसरे पोलिंग बूथ पर जाने को कहा गया तो उन्होंने वापस लौटने का मन बना लिया। कई मतदाताओं ने दावा किया कि चुनावकर्मियों के पास ही अलग-अलग तरह की मतदाता सूची थी, जिसमें नामों का मिलान नहीं हो पा रहा था।
शांतिपूर्ण मतदान
राज्य चुनाव आयोग का कहना है कि चुनाव पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहा। कहीं से भी ईवीएम में बड़ी दिक्कत या हिंसा की सूचना नहीं मिली। शाम साढ़े पांच बजे के बाद भी कई पोलिंग स्टेशन पर मतदाताओं की लंबी कतार देखी गई।
बुधवार को मतगणना
वोटिंग के बाद ईवीएम को जिलावार मतगणना केंद्र पर भेजने का काम शुरू हो गया। मतगणना बुधवार सात दिसंबर को होगी। इसके लिए दिल्लीभर में कुल 42 केंद्र बनाए गए हैं, जहां सीसीटीवी कैमरे की निगरानी के साथ सुरक्षा की त्रिस्तरीय व्यवस्था की गई है।
कच्ची कॉलोनी वाले उमड़े, पॉश इलाके पिछड़े
एमसीडी चुनाव में रविवार को मतदान संपन्न हो गया। कच्ची कॉलोनियों के मतदाता हर बार की तरह आगे नजर आए। वहीं, पॉश और गांव-देहात के इलाकों में मिलाजुला उत्साह दिखा। बख्तावरपुर वार्ड नंबर 5 में सबसे ज्यादा 65.74 फीसदी मत पड़े, तो वहीं शहरी माने जाने वाले एंड्रयूज गंज वार्ड में सबसे कम 33.74 फीसदी मतदान हुआ।
परिसीमन का फेर
परिसीमन और चुनाव घोषित होने के आखिरी समय तक मतदाता सूची में नाम जोड़ने के कारण लोगों को मतदान करने में परेशानी का सामना करना पड़ा। वे वोट डालने के लिए एक से दूसरे बूथ तक भटकते रहे। कुछ लोग तो बिना मत डाले ही अपने घरों लौट गए। पहले दिल्ली में नगर निगम के कुल 272 वार्ड थे, जो परिसीमन के बाद 250 रह गए। इसलिए लोगों बूथ भी बड़े पैमाने पर बदल गए। क्रम संख्या अलग होने से नहीं कर पाए मतदान बाहरी दिल्ली के नरेला में वार्ड संख्या-3 में मतदान केंद्र पर इसी तरह की समस्याओं को लेकर लोग इधर-उधर भटकते नजर आए। शाहिल नाम के मतदाता ने बताया कि उन्हें इधर-उधर भेजा गया, लेकिन वोट कहां करना था यह नहीं बताया गया।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष का भी नहीं मिला नाम
बुराड़ी के वार्ड संख्या-6 में उमेश चंद्र ने बताया कि मतदाता पर्ची की संख्या और मतदान केंद्र के भीतर पीठासीन अधिकारी के पास जो सूची थी, उसमें क्रम संख्या अलग होने से वह मतदान नहीं कर पाए। कड़कड़डूमा स्थित केंद्रीय विद्यालय में बने मतदान केंद्र पर अपने पिता के साथ वोट डालने आई रश्मि ने बताया कि वह पहली बार वोट डालने आई है, लेकिन उसकी मतदाता पर्ची नहीं मिली। चुनाव आयोग को बताया जिम्मेदार राज्य चुनाव आयोग ने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार समेत अन्य लोगों का मतदाता सूची में नाम नहीं होने को लेकर अपना पल्ला झाड़ लिया है।
आयोग के मुताबिक, मतदाता सूची में नाम जोड़ने और हटाने की जिम्मेदारी दिल्ली मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय (चुनाव आयोग) की होती है। राज्य चुनाव आयोग दिल्ली नगर निगम चुनाव में चुनाव आयोग की ओर से बनाए गई मतदाता सूची सिर्फ प्रयोग करती है। आयोग ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष की शिकायत को आगे चुनाव आयोग को भेज दिया गया है।
चौधरी अनिल कुमार ने आयोग में की शिकायत
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार का नाम मतदाता सूची में नहीं था। इस पर चुनाव आयोग से शिकायत की गई है। कांग्रेस प्रतिनिधि मंडल ने इस मामले की जांच कराने की मांग की है। प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व कर रहे दिल्ली कांग्रेस कम्यूनिकेशन विभाग के प्रमुख अनिल भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष टिंबर मार्केट के राजकीय सर्वोदय कन्या विद्यालय में वोट डालने पहुंचे, लेकिन वोटर लिस्ट में उनका नाम नहीं था। उन्होंने कहा कि अनिल कुमार पूर्व विधायक और पूर्व निगम पार्षद हैं। उनका नाम कोंडली वार्ड नंबर 193 की मतदाता सूची से डिलीट नहीं दिखाया गया है, लेकिन विशेष तौर पर हटा हुआ है, जबकि उनकी पत्नी शशि बाला का नाम वार्ड नंबर 193 कोंडली की सूची में है।
गड़बड़ी का आरोप
तीनों प्रमुख दलों के नेताओं ने गड़बड़ी का आरोप लगाया। भाजपा सांसद मनोज तिवारी का आरोप है कि सुभाष मोहल्ला वार्ड में 450 मतदाताओं का नाम सूची में नहीं है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार का नाम सूची में न होने पर चुनाव आयोग में शिकायत की गई।