November 25, 2024

गरीबों का हक ‘आयुष्मान’ का पैसा चूसने की जुगाड़, प्रदेश के 120 अस्पतालों ने दो सौ करोड़ का किया घोटाला

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भोपाल।
आयुष्मान भारत योजना से संबद्ध मध्य प्रदेश के 620 निजी अस्पतालों में से 120 ने दो सौ करोड़ रुपये का घोटाला किया है। इनमें इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर सहित प्रदेश के ख्यातिप्राप्त निजी अस्पताल भी शामिल हैं। भोपाल और जबलपुर के कुछ अस्पतालों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई है। यह जानकारी लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा तैयार कराई गई एक जांच रिपोर्ट में सामने आई है।

अर्थदंड लगाकर कर रहे वसूली

स्वास्थ्य विभाग अब इन निजी अस्पतालों पर अर्थदंड लगाकर वसूली कर रहा है और 15 अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। कुल 104 अस्पतालों से अर्थदंड वसूली के लिए नोटिस जारी किए जा चुके हैं। भोपाल के वैष्णव मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराई गई है। साथ ही आयुष्मान योजना की संबद्धता भी समाप्त कर अस्पताल का पंजीयन निरस्त कर दिया। आष्युमान योजना के अंतर्गत कुल 620 निजी अस्पतालों को तीन साल (वर्ष 2019 से जुलाई 2022 तक) में 1048 करोड़ 98 लाख 19 हजार 481 रुपये का भुगतान किया गया। वर्ष वार किए गए भुगतान में अधिकांश निजी अस्पतालों में वित्तीय फर्जीवाड़ा और ज्यादा बिलिंग की शिकायतें मिली हैं।

कब कितनी राशि का भुगतान किया

    वर्ष     —              राशि

2019-20 — 141 करोड़ 72 लाख 55 हजार 807 रुपये

2020-21 — 265 करोड़ 14 लाख 56 हजार 297 रुपये

2021-22 — 642 करोड़ 11 लाख सात हजार 377 रुपये

15 अस्पताल प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस जारी

भोपाल के आयुष्मान भारत अस्पताल, राजदीप अस्पताल, वीसीएच अस्पताल, किश्ानानी अस्पताल, जीवनश्री अस्पताल, नवोदय अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर। जबलपुर का जीवन ज्योति अस्पताल एनटीपीसी गाडरवाड़ा, आदित्य सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल एंड ट्रामा सेंटर, सेठ मन्नूलाल जगन्‍नाथ दास ट्रस्ट अस्पताल। गुना का सहयोग अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर प्रालि, राम हाइटेक अस्पताल, आरआर हाइटेक अस्पताल, मीनाक्षी अस्पताल। मुरैना का राधे कृष्ण अस्पताल और भिंड के बीएम अस्पताल को नोटिस जारी किया गया है। इन अस्पतालों से अधिक बिलों के बारे में स्पष्टीकरण मांगा गया है।

15 अस्पताल प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस जारी

भोपाल के आयुष्मान भारत अस्पताल, राजदीप अस्पताल, वीसीएच अस्पताल, किश्ानानी अस्पताल, जीवनश्री अस्पताल, नवोदय अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर। जबलपुर का जीवन ज्योति अस्पताल एनटीपीसी गाडरवाड़ा, आदित्य सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल एंड ट्रामा सेंटर, सेठ मन्नूलाल जगन्‍नाथ दास ट्रस्ट अस्पताल। गुना का सहयोग अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर प्रालि, राम हाइटेक अस्पताल, आरआर हाइटेक अस्पताल, मीनाक्षी अस्पताल। मुरैना का राधे कृष्ण अस्पताल और भिंड के बीएम अस्पताल को नोटिस जारी किया गया है। इन अस्पतालों से अधिक बिलों के बारे में स्पष्टीकरण मांगा गया है।

ऐसे की गड़बड़ी

जांच में कई तरह के चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। कई अस्पतालों में खुद के कर्मचारियों के नाम आयुष्मान कार्ड बनवा दिए गए थे और उन्हें मरीज बनाकर रकम निकाल ली गई। इसी तरह किसी मरीज का बिल 50 हजार का बना तो उसे बढ़ाकर दो लाख रुपये की राशि सरकार से वसूल ली जाती थी। ग्रामीण क्षेत्र के आयुष्मान कार्डधारियों को अस्पताल लाने के लिए जगह-जगह एजेंट नियुक्त किए गए थे।

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