September 24, 2024

दक्षिण अफ्रीका से कूनो नेशनल पार्क में 12 नए चीते लाने, एमओयू को मिली मंजूरी

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श्योपुर
श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क में जल्द ही दक्षिण अफ्रीका से भी 12 चीते आने वाले हैं, इसकी तैयारी शुरू हो गई है। भारत आने के लिए दक्षिण अफ्रीका में बीते साढ़े तीन माह से 12 चीतों को क्वारंटाइन रखा गया है। इन चीतों को आगामी 15 दिसंबर तक भारत के श्योपुर कूनो में लाया जा सकता है। पार्क में नए आने वाले चीतों के लिए आठ नए बाड़े भी बनाकर तैयार कर लिए गए हैं। दक्षिण अफ्रीका के वन और पर्यावरण मंत्री बारबरा क्रीसी ने प्रोजेक्ट चीता के लिए भारत के साथ एमओयू को मंजूरी दे दी है। दस्तावेज अब राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा के पास हैं।

पीएम मोदी ने छोड़े थे चीते
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन के मौके पर श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में 17 सितंबर को चीतों को छोड़ा था। कुछ वक्त क्वारेंटाइन रखने के बाद चीतों को बड़े बाड़े में छोड़ दिया गया है। जुलाई 2022 में भारत ने दक्षिण अफ्रीका से चीता प्रोजेक्ट के लिए 12 चीतों को दिए जाने का आग्रह किया था। नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से एक साथ चीते लाकर बसाए जाने थे। चीतों के चयन से लेकर इनको क्वारंटीन करने तक की तैयारी नामीबिया के साथ ही दक्षिण अफ्रीका में भी उसी समय पूरी कर ली गई थी, लेकिन दक्षिण अफ्रीका से चीता लाने का एमओयू साइन नहीं हो पाया,जिसकी वजह से नामीबिया से आठ चीते भारत आ गए, लेकिन दक्षिण अफ्रीका में चिन्हित किए गए 12 चीते क्वारंटीन बाड़ों में ही बंद रह गए थे।

कूनो में चीतों के छह बाड़े पहले से मौजूद हैं। यानी कुल 14 बाड़े कूनो में हैं, जिनमें 14 चीतों को रखा जा सकता है। जब भी दक्षिण अफ्रीका से चीतों को लाया जाएगा। कूनो उनके स्वागत के लिए पूरी तरह से तैयार है। संभावना जताई जा रही है कि दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति दो से तीन दिन के अंदर इस प्रोजेक्ट पर हस्ताक्षर कर सकते हैं, जिसके बाद 12 चीतों को भारत लाया जाएगा। बताया यह भी जा रहा है कि भारत भेजने के लिए दक्षिण अफ्रीका में क्वारंटाइन किए गए 12 में से दो चीते अनफिट पाए गए थे। इनकी उम्र भी ज्यादा थी और यह ठीक से शिकार करने में सक्षम नहीं थे, इसकी वजह से इन चीतों की जगह दूसरे को क्वारंटाइन में रखा गया था। अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद उन्हें भारत लाया जाएगा।

राष्ट्रीय कूनो अभ्यारण्य के डीएफओ प्रकाश शर्मा का कहना है कि दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों को लाने की तैयारियां उच्च स्तर पर चल रही हैं। कूनो में आठ नए बाड़े और बनाने का काम लगभग पूरा हो चुका है। पहले के छह बाड़े भी कूनो में बने हुए हैं। हम पूरी तरह से तैयार हैं।

कूनो के माहौल में ढले नामीबियाई चीते

नामीबिया से आए आठ चीजे अब धीरे-धीरे यहां के माहौल में ढल रहे हैं। हाल ही में बड़े बाडे में छोड़ी गई मादा चीता तिबलिश ने पहली बार शिकार किया है। मादा चीता ने वन्य चीतल का शिकार कर अपनी भूख मिटाई। इसे लेकर कूनो वन मंडल के अधिकारियों ने खुशी जाहिर की है।

बता दें, चीता टास्क फोर्स के अधिकारियों के निर्देश के बाद कूनो वन मंडल के अधिकारियों ने पिछले 27 नवंबर को मादा चीता तिबलिश और एक अन्य चीते को बड़े बाडे में रिलीज किया था, इसके बाद से ये लगातार वन्य जीवों का शिकार करने की कोशिश करती रहीं लेकिन, कामयाबी नहीं मिली। बाड़े के अंदर की बड़ी घास की वजह से भी शिकार करने में दिक्कत हो रही थी, इसे देखते हुए कूनो के अधिकारियों ने शनिवार को बड़े बाड़े में 13 और चीतल छोड़े, रविवार शाम को तिबलिश ने एक चीतल का शिकार करके बड़े ही चाव से उसका मांस खाया, अब वह प्राकृतिक रूप से वन्य जीवों का शिकार कर सकेगी, दूसरे चीते भी शिकार करके अपना पेट खुद भर रहे हैं। इसे लेकर चीता ट्रांसपोर्ट के अधिकारी भी खुशी जाहिर कर रहे हैं। राष्ट्रीय कूनो अभ्यारण के डीएफओ प्रकाश वर्मा का कहना है कि, मादा चीता ने प्राकृतिक रूप से शिकार किया है यह वाकई खुशी की बात है, हमें लग रहा था कि बड़ी घास होने की वजह से शिकार नहीं कर पा रही है। इसे लेकर हमने कल 13 और चीतल छुड़वाए और आज उसने पहला शिकार किया है। 

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