September 24, 2024

मुंबई हो या मोसूल… आतंकवाद पर भारत ने फिर दी दुनिया को नसीहत, UN में PAK को फटकारा 

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यूनाइटेड नेशंस 
यूनाइटेड नेशंस सुरक्षा परिषद में एक बार फिर से भारत ने आंतकवाद पर पूरी दुनिया की नसीहत दी है और कहा है, कि आतंकवाद को 'ज़ीरो टॉलरेंस' की नीति से ही हराया जा सकता है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत ने एक बार फिर दोहराया कि, आतंकवाद एक वैश्विक चुनौती बनी हुई है और शून्य-सहिष्णुता अपनाकर ही आतंकवाद को हराया जा सकता है। Expand आतंकवाद पर भारत की नसीहत संयुक्त राष्ट्र में इराक के मुद्दे पर बैठक को संबोधित करते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि, "आतंकवाद अपने सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में एक वैश्विक चुनौती बना हुआ है और शून्य सहिष्णुता अपनाकर ही इसे पराजित किया जा सकता है।" उन्होंने कहा कि, "जैसा कि इराक के लोगों की सरकार इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड लेवांत (आईएसआईएल) के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखे हुए है। यह वैश्विक स्तर पर आतंक से लड़ने के लिए भी महत्वपूर्ण है।" 

भारतीय राजदूत ने 26/11 के हमले के बारे में भी बात की और कहा कि, भारत का मानना है कि आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक लड़ाई की विश्वसनीयता तभी मजबूत हो सकती है, जब हम आतंकवादियों द्वारा किए गए आतंक के गंभीर और अमानवीय कृत्यों के लिए जवाबदेही सुनिश्चित कर सकें और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर सकें।" यूएन में भारतीय दूत ने आतंकवाद का समर्थन और वित्त पोषण करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। 

आतंकवाद से बर्बाद इराक भारत की स्थाई दूत ने कहा कि, "जैसा कि इराक की सरकार और उसके लोग आईएसआईएल (इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवांत) के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखे हुए हैं, वो वैश्विक स्तर पर आतंक से लड़ने के लिए भी महत्वपूर्ण है। पिछले हफ्ते 26/11 के आतंकवादी हमले के पीड़ितों को भारत में और कई देशों में याद किया गया था।" उन्होंने कहा कि, "मुंबई हो या मोसुल, भारत का दृढ़ विश्वास है कि आतंकवाद के खिलाफ हमारी सामूहिक लड़ाई की विश्वसनीयता तभी मजबूत हो सकती है जब हम आतंकवादी द्वारा किए गए आतंक के अमानवीय कृत्यों के लिए जवाबदेही सुनिश्चित कर सकते हैं और उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित कर सकते हैं जो प्रोत्साहित करते हैं, समर्थन करते हैं और आतंकवाज का वित्त पोषण करते हैं।" 

भारत जारी कर चुका है घोषणापत्र 
आपको बता दें कि, अक्टूबर महीने में भारत में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकवाद निरोधी समिति (UNCTC) की इमर्जिंग टेक विशेष बैठक में सर्वसम्मति से दिल्ली घोषणापत्र को अपनाया गया था। जिसमें सभी सदस्य देशों से आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस सुनिश्चित करने का आह्वान किया गया था। इस अवसर पर वैश्विक निकाय ने आतंकवादी उद्देश्यों के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सहित इंटरनेट और अन्य सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों के बढ़ते उपयोग पर चिंता व्यक्त की गई थी। लेकिन, सबसे दिक्कत की बात ये है, कि चीन अभी भी वैश्विक आतंकियों को संयुक्त राष्ट्र में बचा रहा है और आतंकियों को पालने वाले पाकिस्तान के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की जा रही है।
 

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