बिहार के सरकारी अस्पतालों में अब शाम में भी मिलेगी ओपीडी सेवा, ये है टाइमिंग
बिहार
बिहार के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को ओपीडी सेवा अब दिन में दो बार मिलेगी। अस्पतालों में दो पालियों में ओपीडी कुलेंगे। पहली पाली सुबह 9 से दोपहर 2 बजे तक और दूसरी पाली शाम 4 से 6 बजे तक की होगी। जाड़े के मौसम में (नवंबर से फरवरी) दूसरी पाली अपराह्न 3 से 5 बजे तक की होगी। स्वास्थ्य विभाग ने सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल और सदर अस्पतालों में मरीजों को दी जाने वाली सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए मानक संचालन प्रणाली का निर्धारण करते हुए मंगलवार को आदेश जारी किया।
विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने सभी चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के प्राचार्य, सिविल सर्जनों और सदर अस्पतालों के अधीक्षक/ उपाधीक्षक को इस संबंध में पत्र भेजा है। विभाग द्वारा जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि ओपीडी में निबंधन का समय सुबह आठ बजे से दोपहर 1.30 बजे तक रहेगा। अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए चिकित्सकों का राउंड सुबह में साढ़े 8 से 9 बजे तक और शाम में साढ़े 5 से 6 बजे तक होगा। शाम में राउंड का समय नवंबर से फरवरी तक साढ़े चार बजे से पांच बजे तक होगा। ओपीडी निबंधन काउंटर पर मरीजों और उनके परिजनों की सहायता के लिए हेल्पर की सुविधा सुनिश्चित होगी। यह कार्य जीविका दीदी करेंगी। रिसेप्शन पर हेल्पडेस्क उपलब्ध रहेंगे।
8 से दो बजे तक होंगे ऑपरेशन
ऑपरेशन थियेटर के लिए भी विभाग ने आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक का समय इसके लिए निर्धारित रहेगा। वहीं, आपात स्थिति में ऑपरेशन थियेटर की सुविधा 24X7 उपलब्ध रहेगी। ऑपरेशन कार्य आवश्यकतानुसार विभागवार रोजाना किए जाएंगे।
सदर अस्पतालों में सफाई रखने के निर्देश
बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने जिलाधिकारियों, सिविल सर्जनों और अन्य पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि सदर अस्पतालों की साफ-सफाई मेंटेन रखें। ड्रेनेज सिस्टम को बेहतर बनाए रखें। उन्होंने मंगलवार को मिशन-60 के अंतर्गत किए गए कार्यों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा बैठक की। उन्होंने मिशन-60 के तहत हुए कार्यों पर संतोष जाहिर किया। साथ ही यह भी कहा कि जो भी काम हुए हैं, उन्हें निरंतर बहाल रखें।
बीपी-शुगर के मरीजों को 30 दिनों की दवाएं मिलेंगी
विभाग ने जारी आदेश में कहा है कि सभी चिकित्सा महाविद्यालय अस्पतालों और सदर अस्पतालों में तीन दिन की जगह पर पांच दिनों की दवाएं बाह्य रोगियों और भर्ती मरीजों को छुट्टी के समय दिया जाना सुनिश्चित करें। शुगर और बीपी जैसी स्थायी बीमारियों के लिए 30 दिनों की दवा दी जाए। गर्भवती महिलाओं को आईएफए और कैल्शियम की पूरी खुराक की दवाएं एकमुश्त दे दी जाएं।