November 25, 2024

दिल दहलाने वाला खुलासा :बीते एक साल में ईरान में 500 से ज्यादा लोगों को मिली सजा-ए-मौत!

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तेहरान

महसा अमीनी की मौत के विरोध में ईरान में जारी प्रदर्शनों के बीच एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है. रिपोर्ट के अनुसार, ईरान में इस साल 500 से ज्यादा लोगों को सजा-ए-मौत दी गई है. पिछले पांच सालों में साल 2022 का आंकड़ा सबसे ज्यादा है. ईरान की हुकूमत ने अलग-अलग अपराधों में लोगों को ये सजा दी है.

वहीं, रिपोर्ट की मानें तो इनके अलावा अभी कई और भी मामले हैं जिनकी पुष्टि की जा रही है. अगर वह मामले भी इस आंकड़े में शामिल होते हैं तो लोगों की संख्या और ज्यादा हो सकती है.

नार्वे बेस्ड ग्रुप ईरान ह्यूमंस राइट्स (IHR) ने यह आंकड़ा जारी किया है. आईएचआर ने इस मामले में न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया कि ईरान में साल 2022 में अभी तक कम से कम 504 लोगों को मौत की सजा दी जा चुकी है. इनमें चार लोग तो ऐसे हैं जिन्हें बीते रविवार ही यह सजा दी गई है. चारों लोगों पर इजरायल इंटेलिजेंस के साथ काम करने का आरोप था.

आईएचआर डायरेक्टर महमूद अमीरे मोघहद्दम ने न्यूज एजेंसी को बताया कि इन सभी लोगों को बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के ही सजा-ए-मौत दे दी गई है. साथ ही इन लोगों को अपना पक्ष रखने का मौका भी नहीं दिया गया. महमूद ने आगे कहा कि इन लोगों को सजा-ए-मौत देकर ईरान सरकार ने सार्वजनिक तौर पर डर का माहौल बनाने और प्रदर्शन में शामिल लोगों का ध्यान बांटने की कोशिश की है.

काफी संख्या में महिलाओं को भी मिली खौफनाक सजा

आईएचआर के अनुसार, जिन लोगों को सजा-ए-मौत दी गई है उनमें काफी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं. बीते रविवार को ही एक महिला को मौत की सजा दी गई थी. महिला पर उसके ससुर की हत्या का आरोप था. रिपोर्ट के अनुसार, ईरान में जिन महिलाओं को मौत की सजा दी गई है, उनमें अधिकतर महिलाओं पर खराब रिश्तों की वजह से अपने पार्टनर या रिश्तेदारों की हत्या का आरोप था.

पिछले पांच सालों में सबसे ज्यादा सजा-ए-मौत 2022 में
आईएचआर के अनुसार, इस साल सजा-ए-मौत देने का जो आंकड़ा रहा, वह पिछले पांच सालों में सबसे ज्यादा है. साल 2021 में 333 लोगों को यह खौफनाक सजा दी गई. वहीं साल 2020 में 267 लोगों को मौत के घाट उतारा गया.

आईएचआर के अनुसार, 26 लोग अभी ऐसे हैं, जिन पर ऐसे आरोप लगे हैं जिनके आधार पर उन्हें भी सजा-ए-मौत दी जा सकती है. चौंकाने वाली बात यह है कि इन लोगों में तीन नाबालिग भी शामिल हैं.

ईरान में प्रदर्शन जारी, सरकार ने खत्म की 'नैतिक पुलिस'
22 साल की ईरानी लड़की महसा अमीनी को ठीक तरह से हिजाब न पहनने की वजह से मॉरलिटी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस कस्टडी में महसा अमीनी की मौत हो गई. महसा अमीनी की मौत के बाद जब साकेज में उनके घर के पास कब्रिस्तान में उन्हें दफनाया गया तो काफी संख्या में भीड़ जमा हो गई और नारेबाजी होने लगी. वहां से भड़की विरोध प्रदर्शनों की चिंगारी ने धीरे-धीरे आग का रूप ले लिया और पूरे ईरान में प्रदर्शन शुरू हो गए.

ईरान में जगह-जगह फैले प्रदर्शनों ने सरकार को भी चिंता में डाल दिया. प्रदर्शन में काफी संख्या में लोगों की मौत भी हुई. ईरान सरकार की ओर से कई बार कड़ी चेतावनी भी दी गई लेकिन प्रदर्शन जारी रहे. हाल ही में सरकार ने ईरानी नैतिक पुलिस को ही खत्म करने का फैसला कर लिया. हालांकि प्रदर्शन अभी भी चल रहा है.

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