September 25, 2024

अमेरिकी कोर्ट ने जमाल ख़शोगी हत्याकांड में सऊदी प्रिंस के ख़िलाफ़ मुक़दमा ख़ारिज किया

0

वाशिंगटन डीसी
 वाशिंगटन में एक फेडेरल न्यायाधीश ने इस्तांबुल में मारे गए पत्रकार जमाल खशोगी की मंगेतर द्वारा सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के खिलाफ दायर एक मुकदमे को खारिज कर दिया. इसमें राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा इम्युनिटी (प्रतिरक्षा या छूट) दिए जाने का हवाला दिया गया था.

अमेरिकी जिला न्यायाधीश जॉन बेट्स ने सुझाव दिया कि वह मुकदमा वापस लेने के लिए अनिच्छुक थे लेकिन बाइडन प्रशासन के फैसले को देखते हुए उनके पास कोई विकल्प नहीं था.

बेट्स ने 25 पन्नों के फैसले में लिखा, ‘अदालत की असहजता के बावजूद बिन सलमान की नियुक्ति की परिस्थितियों और खशोगी की हत्या में उनकी संलिप्तता के विश्वसनीय आरोपों को लेकर संयुक्त राष्ट्र अमेरिका ने अदालत को सूचित किया है कि वह इम्यून हैं.’

प्रिंस मोहम्मद की राष्ट्र के प्रमुख के बतौर नियुक्ति की परिस्थितियों का उल्लेख करते हुए बेट्स इस तथ्य का जिक्र कर रहे थे कि सितंबर में ही सऊदी किंग सलमान ने एक शाही फरमान में प्रिंस मोहम्मद को प्रधानमंत्री नामित किया था.

2018 में वॉशिंगटन पोस्ट के स्तंभकार और निर्वासन में रह रहे सऊदी अरब के जमाल खशोगी इस्तांबुल में सऊदी वाणिज्य दूतावास के अंदर से गायब हो गए थे. सऊदी एजेंटों ने उन्हें एक ऑपरेशन में मार डाला और उनके शरीर के टुकड़े कर दिए थे, जिसको लेकर अमेरिकी खुफिया विभाग का मानना था कि इसका आदेश क्राउन प्रिंस ने दिया था.

क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने हत्या का आदेश देने से इनकार किया था, लेकिन बाद में उन्होंने स्वीकार किया कि यह ‘मेरी निगरानी‘ में हुआ था.

अमेरिकी न्याय विभाग के वकीलों ने नवंबर की एक अदालत में दायर याचिका में कहा कि बाइडन प्रशासन ने कहा था कि प्रिंस मोहम्मद को ‘विदेशी सरकार के मौजूदा प्रमुख के रूप में अमेरिकी अदालतों के अधिकारक्षेत्र से किसी राष्ट्र प्रमुख को मिलने वाली छूट मिली हुई है.’

खशोगी की मंगेतर हतीजे जेंग्गिज़ ने उस समय के फैसले के बारे में कहा था कि ‘जमाल आज फिर से मर गया.’

ज्ञात हो कि अपने राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान बाइडन ने आश्वासन दिया था कि वह सुनिश्चित करेंगे कि हत्या के मामले में न्याय हो और सऊदी शासक से दूरी बनाए रखने का वादा किया था. हालांकि, राष्ट्रपति के रूप में बाइडन को वैश्विक तेल कीमतों को कम करने के लिए आपसी तनाव को कम करना पड़ा, इसमें सऊदी साम्राज्य का दौरा करने और क्राउन प्रिंस का अभिवादन करना भी शामिल है.

ऊर्जा और सुरक्षा के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए जुलाई में सऊदी अरब की यात्रा के दौरान क्राउन प्रिंस के साथ उनके अभिवादन को लेकर उनकी आलोचना की गई थी. ह्वाइट हाउस का कहना है कि बाइडन ने प्रिंस मोहम्मद से कहा था कि वह उन्हें खशोगी की हत्या के लिए जिम्मेदार मानते हैं.

खशोगी ने वाशिंगटन पोस्ट के कॉलम में प्रिंस की नीतियों की आलोचना की थी. वह तुर्की की नागरिक जेंग्गिज़ से शादी करने के लिए जरूरी कागजात लेने इस्तांबुल में सऊदी वाणिज्य दूतावास गए थे, जहां से वे कभी वापस नहीं लौटे.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed