कोर्ट में लंबित मामला, इधर जिला पंचायत से गोठान निर्माण की अनुमति
बिलासपुर
बिलासपुर संभागायुक्त कोर्ट में निजी जमीन के स्वामित्व को लेकर मामला लंबित है। इधर जिला पंचायत बिलासपुर ने मुख्यमंत्री भूपेेश बघेल की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गस्र्वा, घुस्र्वा व बाड़ी के क्रियान्वयन में ऐसी चूक कर दी कि जिला पंचायत बिलासपुर व जनपद पंचायत बिल्हा के सीईओ को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में जवाब पेश करना होगा। निजी जमीन पर गोठान निर्माण के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने आला अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता ने गोठान निर्माण कार्य पर रोक लगाने की मांग की है।
बिलासपुर निवासी अब्दुल ने अपने वकील के जरिए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि ग्राम पेंड्रीडीह में खसरा नंबर 249, 282 व 262 में 14 एकड़ 21डिसमील जमीन है। ये पैतृक जमीन है। वर्ष 1928-29 का मिसल पेश करते हुए कहा है कि मिसल दस्तावेज में उक्त जमीन उनके दादा के नाम पर दर्ज है। याचिकाकर्ता ने बताया कि 30 अप्रैल 2019 को कमिश्नर कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने राजस्व अधिकारियों को निर्देशित करते हुए दस्तावेज में जरूरी सुधार की बात कही थी।
कोर्ट के आदेश पर 21 सितंबर 2020 को कमिश्नर कोर्ट के समक्ष आवेदन पेश करते हुए तहसीलदार व पटवारी को दस्तावेज में संशोधन के लिए निर्देशित करने की मांग की थी। पटवारी रिपोर्ट के आधार पर कमिश्नर कोर्ट ने मिसल दस्तावेज में उक्त जमीन को छोटे बड़े झाड़ का जंगल बताते हुए आवेदन को खारिज कर दिया। कोर्ट ने अपने फैसले में तहसीलदार और पटवारी द्वारा पेश राजस्व दस्तावेज का हवाला दिया था। राजस्व मंडल के आदेश को चुनौती देते हुए याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को राजस्व मंडल में याचिका पेश करने के निर्देश दिए थे। कोर्ट के निर्देश पर याचिकाकर्ता ने अपने वकील के जरिए राजस्व मंडल में अपील पेश की है। राजस्व मंडल में मामले की सुनवाई अभी लंबित है। इधर ग्राम पंचायत पेंड्रीडीह के प्रस्ताव के आधार पर जिला पंचायत से गोठान निर्माण की अनुमति दे दी है।
याचिकाकर्ता ने निर्माण कार्य पर रोक की मांग
निजी जमीन पर गोठान निर्माण पर रोक की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता ने बताया है कि कमिश्नर कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए राजस्व मंडल में अपील पेश की गई है। अपील पर सुनवाई चल रही है। गोठान के लिए जब उनकी जमीन को ग्राम पंचायत द्वारा सीमांकन किया जा रहा है उस वक्त भी सरपंच व पंचों को इस बात की जानकारी दी गई थी। इसके बाद भी मनमानी करते हुए गोठान का निर्माण किया जा रहा है। मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है।