सीएम भूपेश बोले-संभालकर तो रखना होगा, भाजपा कुछ भी कर सकती है
रायपुर
गुजरात और हिमाचल विधानसभा चुनाव के परिणाम आ गये हैं। अब तक गुजरात में भाजपा और हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती दिख रही है। इसी के साथ हिमाचल कांग्रेस को हॉर्स ट्रेडिंग यानी अपने विधायकों की खरीद-फरोख्त का खतरा भी महसूस होने लगा है। बताया जा रहा है कि नतीजों के बाद कांग्रेस अपने विधायकों को चंडीगढ़, रायपुर अथवा जयपुर-उदयपुर ला सकती है।
कांग्रेस विधायकों को रायपुर लाए जाने की संभावना से जुड़े सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा, विधायकों को यहां तो नहीं लाएंगे लेकिन अपने साथियों को संभालकर तो रखना पड़ेगा। भाजपा कुछ भी कर सकती है। वह किसी भी स्तर पर जा सकती है। गुजरात चुनाव के रुझानों पर बात करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, गुजरात में भी हमें आखिरी तक इंतजार करना चाहिए। वह बड़ा प्रदेश है। 20-22 राउंड की गिनती होगी। शाम को मुख्यमंत्री चंडीगढ़ के लिए रवाना हो गए।
चंडीगढ़ में रहेगा भूपेश बघेल का मोर्चा
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शाम 5 बजे के करीब रायपुर से चंडीगढ़ पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा, वहां विधायक दल की बैठक के बाद हाईकमान को रिपोर्ट दी जाएगी। अब आगे विधायक दल और हाईकमान जो तय करेगा वह होगा। एयरपोर्ट से वे सीधे होटल रेडिसन जाएंगे। वहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ हिमाचल की स्थिति को लेकर रणनीतिक चर्चा होनी है। जरूरत महसूस हुई तो वे शिमला के लिए भी रवाना हो जाएंगे। वहां कांग्रेस विधायक दल को एकजुट रखना अभी पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनने जा रही है। राजीव शुक्ला और दूसरे प्रमुख नेता दिल्ली में पहले ही मोर्चा संभाल चुके हैं।
सीएम बनाना सबसे बड़ी चुनौती
हिमाचल प्रदेश में जीत के बाद पार्टी के सामने एक बड़ी चुनौती सीएम चुनने को लेकर रहेगी। गुटबाजी से अछूती हिमाचल कांग्रेस नहीं है। भले चुनाव लडऩे के लिए तमाम नेता आपसी खींचतान भुलाकर एक हो गए हों, लेकिन चुनाव खत्म होते ही नतीजों से पहले बड़े नेताओं की सीएम बनने की महत्वाकांक्षा फिर सिर उठाने लगी है। पिछले दिनों पार्टी के एक गुट ने शीर्ष नेतृत्व को लेटर मांग की थी कि चुने गए विधायकों को ही सीएम चुनने का अधिकार दिया जाए।
माना जा रहा है कि यह लेटर कैंपेन कमिटी के अध्यक्ष और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू गुट की ओर से लिखा गया था। चर्चा है कि यह लेटर प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह की दावेदारी को रोकने के लिए लिखा गया था। दूसरी ओर, हाल ही में प्रतिभा सिंह ने इशारों-इशारों में लंबे समय तक सूबे के सीएम रहे अपने पति वीरभद्र सिंह की विरासत का जिक्र करते हुए अपने परिवार की दावेदारी पेश की थी।
रेस में प्रतिभा सिंह और सुखविंदर सिंह सुक्खू ही सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। वीरभद्र सिंह और सुक्खु का छत्तीस का आंकड़ा रहा है, जो आज भी सिंह परिवार और सुक्खु के बीच जारी है। इनके अलावा वीरभद्र सरकार में मंत्री रहे मुकेश अग्निहोत्री और सुधीर शर्मा भी दावेदार माने जा रहे हैं।
मीटिंग में यह हो सकता है तय
कांग्रेस के तमाम विधायक चंडीगढ़ पहुंच चुके हैं। शुक्रवार की शाम विधायक दल की मीटिंग होनी है, जिसमें सीएम पद को लेकर चर्चा होनी हैं। सूत्रों के मुताबिक, मीटिंग में एक लाइन का प्रस्ताव पास हो सकता है, जिसमें हाइकमान को सीएम पद पर फैसला छोडऩे की बात कही जाएगी।
डेप्युटी सीएम भी बनाए जा सकते हैं
अहम सूत्र के मुताबिक, पार्टी सीएम के साथ-साथ दो डिप्टी सीएम के फॅार्मूले पर आगे बढ़ सकती है। राजा वीरभद्र के परिवार को कुछ न कुछ पद मिलना तय माना जा रहा है। अगर प्रतिभा सिंह को नहीं मौका मिलता तो डेप्युटी सीएम का पद बेटे विक्रमादित्य सिंह के पास जा सकता है। प्रियंका गांधी और प्रदेश के प्रभारी राजीव शुक्ला दोनों का झुकाव सिंह फैमिली की ओर माना जाता है।
लोकसभा सांसद हैं प्रतिभा सिंह
हालांकि प्रबल दावेदारी के बावजूद प्रतिभा सिंह के मुद्दे पर कुछ अड़चनें हैं। मसलन विधायकों का जोर अगर किसी विधायक को जिम्मेदारी देने पर हुआ तो पार्टी के लिए चुनौती बढ़ेगी। इसके अलावा, पार्टी के सामने एक असमंजस प्रतिभा सिंह की लोकसभा की सदस्यता भी है। वह मंडी सीट से सांसद हैं। अगर उन्हें सीएम बनाया जाता है तो उन्हें लोकसभा से इस्तीफा देना होगा। ऐसे में कांग्रेस के सामने एक बड़ा सवाल उस सीट को वापस पाने का रहेगा। उपचुनाव में सीट खोने की आशंका भी है।