2024 चुनाव फतह के लिए भाजपा का समान नागरिक संहिता पर जोर, विरोध में उतरा विपक्ष
नई दिल्ली
भाजपा के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने शुक्रवार को राज्यसभा में यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) का प्रस्ताव पेश किया। हालांकि, राज्यसभा में यह विधेयक सरकार द्वारा पेश नहीं किया गया है। बल्कि सांसद द्वारा इस प्रस्ताव को पेश किया गया। राज्यसभा में एक निजी सदस्य विधेयक के रूप में यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) विधेयक पेश किए जाने के बाद भाजपा के रुख ने संकेत दिया है कि किरोड़ी लाल मीणा को पार्टी का मौन समर्थन है।
यूसीसी के समर्थन में भाजपा शासित राज्यों का ऐसा रहा रूख
दरअसल, उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने यूसीसी के कार्यान्वयन की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है और गुजरात के मनोनीत मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी यूसीसी के पक्ष में अपनी हामी पहले जाहिर कर चुके हैं। वहीं, हिमाचल प्रदेश में भी भाजपा ने अपने घोषणापत्र में यूसीसी के कार्यान्वयन को सूचीबद्ध किया था, लेकिन पार्टी को राज्य में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।
उत्तराखंड सरकार ने एक समिति गठित की
उत्तराखंड सरकार ने उत्तराखंड के निवासियों के निजी दीवानी मामलों को विनियमित करने वाले संबंधित कानूनों की जांच करने और कानून का मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति गठित की है। इसके तहत वर्तमान में प्रचलित कानूनों में संशोधन व सुझाव उपलब्ध कराना। साथ ही राज्य में विवाह, तलाक के संबंध में वर्तमान में प्रचलित कानूनों में एकरूपता लाने का मसौदा बनाना। राज्य में समान नागरिक संहिता के लिए मसौदा तैयार करना शामिल है।
क्या बोले पीयूष गोयल
बता दें कि भाजपा की नजर 2024 के आम चुनावों पर है और सदन के नेता पीयूष गोयल ने इस मुद्दे पर बोलते हुए कहा था कि यह सदस्य का वैध अधिकार है। सूत्रों ने कहा कि कुछ सदस्यों को छोड़कर कांग्रेस स्पष्ट रूप से अनुपस्थित थी और संकेत दिया कि कांग्रेस बिल का विरोध नहीं करना चाहती हो। उच्च सदन के कई सदस्यों ने स्वीकार किया है कि सत्ता पक्ष अवसर की तलाश कर रहा था और जब सदन में विपक्ष की संख्या कम थी, तभी विधेयक पेश किया गया था।
वहीं, विधेयक का विरोध कर रहे कांग्रेस के राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि देश को सद्भाव की जरूरत है और सदस्य से विधेयक वापस लेने का अनुरोध किया। विधेयक के खिलाफ सबसे मजबूत आवाज एमडीएमके नेता वाइको ने उठाई। उन्होंने कहा कि भाजपा देश में संघ के एजेंडे को लागू करने का प्रयास कर रही है और हम देश के विघटन की ओर बढ़ रहे हैं। वहीं, आईयूएमएल के अब्दुल वहाब ने कहा भारत में इसे किसी भी बहुमत या किसी भी बल के साथ लागू नहीं किया जा सकता है।
राज्यसभा में सपा सांसद रामगोपाल ने दिया बयान
समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद राम गोपाल यादव ने यूसीसी पर बोलते हुए कहा मुसलमानों में चचेरी बहन से शादी करना अच्छा माना जाता है, लेकिन हिंदुओं में इसे बुरा माना जाता है और ऐसे में सरकार यूसीसी को कैसे लागू करेगी। वहीं, केरल के राज्यसभा सांसद एलामारम करीम (सीपीआई-एम) ने सभापति से कहा कि उन्हें मीणा को प्रस्ताव वापस लेने का निर्देश देना चाहिए। यह देश की विविधता को नष्ट कर देगा।
विधेयक के समर्थन में 63 सदस्यों ने किया मतदान
बता दें कि विपक्ष के विरोध के बीच समान नागरिक संहिता विधेयक निजी सदस्य द्वारा शुक्रवार को राज्यसभा में पेश किया गया। कुल 63 सदस्यों ने विधेयक के पक्ष में मतदान किया, जबकि 23 मत इसके विरोध में पड़े। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल और द्रमुक ने विरोध प्रदर्शन किया, जबकि बीजू जनता दल ने सदन से वॉक आउट कर दिया।