इंदौर :मौत के छह साल बाद,अब केयरटेकर सहित पांच पर एफआईआर
इंदौर
इंदौर में एक बैंक अफसर की छह साल पहले जहर की वजह से मौत हो गई थी। तब पुलिस ने आत्महत्या का केस दर्ज कर केस क्लोज कर दिया था, लेकिन अब उस केस की फाइल फिर खुली है और पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया है। हत्यारे कोई और नहीं, बल्कि बैंक अफसर का ध्यान रखने वाली केयरटेकर और उसके साथी निकले । अफसर के रिश्तेदारों ने कोर्ट में साबित किया कि बैंक अफसर बीमार थे, दो साल से घर से बाहर ही नहीं निकले तो वे जहर खरीदकर कैसे ला सकते थे
राजमोहल्ला में रहने वाले बैंक अफसर बसंत कुमार वर्मा की छह साल पहले मौत हो गई थी। तब पोस्टमार्टम में मौत की वजह जहर का सेवन बताई गई थी। पुलिस ने आत्महत्या का केस दर्ज किया था, लेकिन उनकी मौत पर भतीजे जितेंद्र विशिष्ट को शक हो रहा था। उन्होंने कोर्ट में परिवाद लगाया और सबूत जुटाने शुरू किए। जितेंद्र ने कोर्ट में साबित कर दिया कि बसंत कुमार दो साल से घर से बाहर नहीं निकले तो फिर जहर घर में कैसे आया। केयरटेकर बसंत वर्मा के रिश्तेदारों को भी घर के भीतर नहीं आने देती थी। यदि रिश्तेदार जाते भी थे तो ललिता झूठे केस में फंसाने की धमकी देती थी।
जायदाद के लालच मेें हत्या
उनकी मौत के बाद केयरटेकर ललिता जैन ने फर्जी दस्तावेज से वसीयत तैयार कर बसंत कुमार की जायदाद भी अपने नाम कर ली। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने केयरटेकर ललिता जैन, उसके साथी प्रेम सिंह राठौर, मांगीलाल मालवीय,मनोहर डोके के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया है। इनमें से दो आरोपियों की मौत हो चुकी है। ललिता ने जायदाद के लालच में बसंत को जहर देकर मारा।