गलवान घटना के बाद चीन ने बढ़ाया 52 बिलियन डॉलर रक्षा बजट,भारत से 3 गुना ज्यादा चीन का रक्षा बजट
नई दिल्ली
भारत और चीन के सैनिकों के बीच 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में एक बार फिर झड़प (India China Troops Clash) हुई। भारतीय सेना (Indian Army) के मुताबिक, चीनी सैनिक (Chinese Army) तवांग सेक्टर (Tawang Sector) में घुस आए थे। इसके बाद भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई की। रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि चीनी सैनिकों की संख्या 300 के आसपास थी।
रिपोर्ट के मुताबिक झड़प में भारत के मुकाबले चीनी PLA को ज्यादा नुकसान हुआ है और उसके ज्यादा सैनिक घायल हुए हैं। उधर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने लोकसभा में कहा है कि चीनी सैनिकों ने यथास्थिति बदलने की कोशिश की और हाथापाई की (India China Troops Clash in Arunachal)। हमारे सैनिकों ने बहादुरी से जवाब दिया है। हमारा कोई सैनिक गंभीर रूप से घायल नहीं है न तो किसी जवान की जान गई है।
भारत से 3 गुना ज्यादा चीन का रक्षा बजट
चीन पिछले कुछ सालों से लगातार अपने रक्षा बजट में इजाफा करता जा रहा है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट ( Stockholm International Peace Research Institute) की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत से गलवान (Galwan) और लद्दाख (Ladakh) में झड़प के ठीक बाद इसी साल चीन ने अपना सालाना बजट ( China Defence Budget 2022) बढ़ाकर 261 बिलियन डॉलर कर दिया है जो, साल 2021 में 209 बिलियन डॉलर था। दूसरी तरफ, भारत का सालाना रक्षा बजट 71.1 बिलियन डॉलर (India Defence Budget 2022) है। रक्षा बजट के मामले में भारत दुनिया में तीसरे नंबर पर है, लेकिन चीन का रक्षा बजट भारत के मुकाबले 3 गुना से ज्यादा है।
भारत और चीन की थल सेना की स्थिति
भारत और चीन की थल सेना (India vs China Army) की तुलना करें तो भारत के पास कुल 3,544,000 जवान (Indian Army Manpower) हैं। इसमें 14,44,000 एक्टिव और 21,00,000 रिजर्व जवान हैं। Global Firepower की रिपोर्ट के मुताबिक चीन की PLA आर्मी (Chinese PLA Army Manpower) में कुल 2,693,000 जवान हैं, जिसमें 21,83,000 एक्टिव और 5,10,000 रिजर्व सैनिक हैं। दोनों देशों के बीच हथियारों की तुलना करें तो टैंक के मामले में भारत, चीन पर भारी पड़ता है। भारत के पास 4292 टैंक हैं, जबकि चीन के 3501 टैंक हैं। इसी तरह चीन के पास 33,000 बख्तरबंद गाड़ियां (Armored Vehicles) हैं, जबकि भारत के पास 8,686 गाड़ियां हैं।
चीन के पास 3800 स्वचालित आर्टिलरी है, वहीं भारत के पास महज 235 स्वचालित आर्टिलरी है। इसी तरह भारत के पास 4060 फील्ड आर्टिलरी है, जबकि चीन के पास 3600 है। भारत के पास सिर्फ 266 रॉकेट प्रोजेक्टर हैं, जबकि चीन के पास 2650 रॉकेट प्रोजेक्टर हैं।
भारत-चीन में किसकी एयरफोर्स मजबूत
भारत और चीन की एयरफोर्स की तुलना करें तो आंकड़ों में चीन हमसे आगे दिखाई देता है। भारत के पास 538 कॉम्बैट एयरक्राफ्ट हैं, जबकि चीन के पास 1,232 हैं। इसी तरह भारत के पास 172 डेडिकेटेड अटैक एयरक्राफ्ट हैं, जबकि चीन के पास इस तरह के 371 एयरक्राफ्ट हैं। Global Firepower के मुताबिक भारत के पास 77 स्पेशल मिशन प्लेन हैं, जबकि चीन के पास 111 हैं। भारत के पास 722 हेलीकॉप्टर है जबकि चीन के पास 911 हेलीकॉप्टर हैं। भारत के पास 23 हेलोज (Helos) हैं, जबकि चीन के पास 281 हैं।