महाराष्ट्र सरकार ने अंतरजातीय-अंतरधार्मिक विवाह को लेकर लिया बड़ा फैसला
मुंबई.
महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में अंतर-धार्मिक और अंतर-जातीय शादी को लेकर बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने एक 13-सदस्यीय पैनल का गठन किया है. यह पैनल अंतर-धार्मिक शादी वाले कपल के परिवार के सदस्यों द्वारा दायर शिकायतों पर गौर करेगा. यह समिति केवल तभी सहायता करेगी जब उसे कोई शिकायत या सहायता के लिए अनुरोध प्राप्त होगा. पैनल का नेतृत्व महाराष्ट्र के महिला और बाल विकास मंत्री (डब्ल्यूसीडी) मंगल प्रभात लोढ़ा करेंगे.
इसके साथ ही सरकार माता-पिता और बच्चों दोनों को उनकी शिकायतों के साथ मदद करने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी करेगी. इसे लेकर मंत्री ने कहा कि हम नहीं चाहते कि बच्चे अपने माता-पिता की इच्छा के विरुद्ध किसी से शादी करने के बाद अपने परिवार से कटे रहें. यह पैनल यह सुनिश्चित करने के लिए स्थापित किया गया है कि भविष्य में श्रद्धा वालकर जैसे मामले न हों.
गौरतलब है कि श्रद्धा वालकर हत्या मामले के बाद पैनल का गठन किया गया है. महाराष्ट्र की श्रद्धा की हत्या दिल्ली में उसके लिव-इन पार्टनर आफताब पूनावाला ने की थी. आफताब ने श्रद्धा की हत्या करने के बाद उसके शव को डंप करने के लिए 35 टुकड़ों में काट दिया था. उसने शव के टुकड़ों को लगभग तीन सप्ताह तक 300 लीटर के फ्रिज में रख रखा था.
इससे पहले यह खबर थी कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पहले से ही राज्य में एक धर्मांतरण विरोधी कानून के लिए आधार तैयार कर रही थी. जिसमें पार्टी के नेता ‘लव जिहाद’ मुद्दे के लिए सख्त कानून की मांग कर रहे थे. ‘लव जिहाद’ का मुद्दा पिछले कुछ सालों में लगातार सुर्खियां बटोर रहा है. श्रद्धा वालकर हत्याकांड के बाद यह राज्य में एक बार फिर से यह उभर आया है. हत्या की खबर के बाद देश भर में बड़े पैमाने पर आक्रोश फैल गया और एक बार फिर ‘लव जिहाद’ का मुद्दा बहस के केंद्र में आ गया.